किसानों को आमदनी बढ़ाने के लिए फूड प्रोसेसिग भी अपनानी चाहिए : दलाल

किसान को अपनी आमदनी बढ़ाने के लिए न केवल अनाज उत्पादन तक सीमित रहने का संदेश दिया।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 20 Apr 2021 08:02 AM (IST) Updated:Tue, 20 Apr 2021 08:02 AM (IST)
किसानों को आमदनी बढ़ाने के लिए फूड प्रोसेसिग भी अपनानी चाहिए : दलाल
किसानों को आमदनी बढ़ाने के लिए फूड प्रोसेसिग भी अपनानी चाहिए : दलाल

संवाद सहयोगी, बहल किसान को अपनी आमदनी बढ़ाने के लिए न केवल अनाज उत्पादन तक सीमित रहना होगा, बल्कि फूड प्रोसेसिग भी अपनाना होगा। फूड प्रोसेसिग अपनाकर किसान बड़ी-बड़ी कंपनियों की भांति ही अच्छी-खासी आमदनी कर सकते हैं। किसानों को प्रगतिशील सोच बनाकर आगे बढ़ना होगा। यह बात प्रदेश के कृषि एवं पशुपालन मंत्री जेपी दलाल ने कहीं।

उन्होंने कहा कि पंजाब व हरियाणा के 75 फीसदी किसानों के पास पांच एकड़ से कम जमीन है और उनमें भी 70 फीसद से अधिक किसान गेहूं व धान के परंपरागत फसली चक्र में फंसे हैं। इस चक्र के विपरीत सब्जियों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सरकार किसानों को सब्जियों के भाव बाजार से कम होने पर भाव के अंतर की भरपाई कर रही है। धान जैसी पानी की अधिक खपत वाली परंपरागत फसल के चक्र से किसानों को मक्का की ओर बढ़ाने के लिए 7000 रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि दी जा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों के ऐसे नए-नए प्रयोगों को बढ़ावा देना चाहती है जिससे किसान की आय बढ़ सके। उन्होंने कहा कि बढ़ती जनसंख्या और तेजी से शहरीकरण- औद्योगिकीकरण के बीच यह खेती की जमीन घटना भी एक चुनौती है। उन्होंने कहा कि छोटी जोत के किसानों के लिए मधुमक्खी पालन वरदान है। हरियाणा किसान आयोग की 2017 की एक रिपोर्ट के मुताबिक राज्य के करीब 5000 गांवों के किसान सालाना 4000 टन शहद उत्पादन कर रहे हैं। सालाना 50 लाख रुपए के शहद का कारोबार करने वाले यमुनानगर के एक छोटे से किसान का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 28 मार्च को 75वीं मन की बात में जिक्र कर देश के किसानों को उद्यमशीलता की ओर बढ़ाने का संदेश दिया है। किसानों को शहद उत्पादन, प्रोसेसिग, पैकेजिग और मार्केटिग की ट्रेनिग और उपकरणों की खरीद के लिए 50 फीसद तक सब्सिडी दी जा रही है। हरियाणा सरकार यमुनानगर में जल्द ही शहद मंडी भी शुरू करेगी। उन्होंने कहा कि किसान अपनी आय बढ़ाने के लिए उद्यमशीलता को अपनाएं। किसान की उपज पर फैले कारोबार से जब सैंकड़ों उद्यमी खासा मुनाफा कमा रहे हैं तो किसान भी परपंरागत खेती से आगे निकलकर उद्यमी बनने की सोचें।

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