कितलाना टोल पर धरना जारी, विधायक सोमबीर ने कहा-अब राजभवन में गूंजेगी किसानों, मजदूरों की आवाज

जागरण संवाददाता चरखी दादरी संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर किसान आंदोलन के सात महीने प

By JagranEdited By: Publish:Sat, 26 Jun 2021 09:41 AM (IST) Updated:Sat, 26 Jun 2021 09:41 AM (IST)
कितलाना टोल पर धरना जारी, विधायक सोमबीर ने कहा-अब राजभवन में गूंजेगी किसानों, मजदूरों की आवाज
कितलाना टोल पर धरना जारी, विधायक सोमबीर ने कहा-अब राजभवन में गूंजेगी किसानों, मजदूरों की आवाज

जागरण संवाददाता, चरखी दादरी : संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर किसान आंदोलन के सात महीने पूरे होने पर शनिवार को हरियाणा के किसान-मजदूरों की आवाज चंडीगढ़ राजभवन में गूंजेगी। यह बात दादरी से निर्दलीय विधायक और खाप सांगवान चालीस के प्रधान सोमबीर सांगवान ने शुक्रवार को कितलाना टोल पर चल रहे किसानों के धरने को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ कूच को लेकर किसान-मजदूरों में भारी जोश है। दादरी इलाके की सभी खाप, किसान, मजदूर, सामाजिक, व्यापारी और कर्मचारी संगठन बसों और अन्य साधनों में सवार होकर राजभवन घेराव के कार्यक्रम में शिरकत करेंगे। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन को गति देने और बार्डर पर सहभागिता बढ़ाने के लिए 29 जून को कितलाना टोल पर सर्वखाप महापंचायत होगी। युवा कल्याण संगठन के संयोजक कमल प्रधान ने कहा कि सरकार ने लोकतंत्र का गला घोंट रखा है और देश में अघोषित आपातकाल लगा हुआ है। उन्होंने कहा कि सरकार जमकर सीबीआइ, आइबी, इनकम टैक्स और ईडी का दुरुपयोग कर रही है। 183वें दिन भी धरना रहा जारी

कितलाना टोल पर धरने के 183वें दिन सांगवान खाप के कन्नी प्रधान सूरजभान सांगवान, श्योराण खाप के प्रधान बिजेंद्र बेरला, किसान सभा के ईश्वर दातौली, जाटू खाप के मास्टर राजसिंह जताई, सुभाष यादव, बिमला कितलाना, मामकौर डोहकी, ओमप्रकाश दलाल, मीरसिंह नीमड़ीवाली ने संयुक्त रूप से अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि हर मौसम की मार किसान-मजदूरों ने झेली है। कड़कड़ाती ठंड में शुरू हुए आंदोलन में सात महीने के दौरान कई बार बारिश, तूफान का सामना कर चुके हैं और अब लू सहन कर रहे हैं। इस बीच 500 से ज्यादा किसान अपनी जान गंवा चुके हैं उसके बावजूद शांतिपूर्ण ढंग से संघर्ष कर रहे हैं। ये रहे मौजूद

धरने का मंच संचालन कामरेड ओमप्रकाश ने किया। इस अवसर पर मास्टर ताराचंद चरखी, आजाद सिंह अटेला, रामफल देशवाल, सुरेंद्र कुब्जानगर, राजू मान, मंगल सुई, पूर्व सरपंच अत्तर बलाली, रतन कलाली, दादा बिजेंद्र झोझू, कप्तान जयपाल, कप्तान धर्मपाल अटेला, परमजीत, बबलू फतेहगढ़, जयपाल जांगड़ा, सब्बीर हुसैन, जगदीश हुई, रणधीर कुंगड़, कमल यादव, मास्टर कर्ण सिंह, लवली सरपंच, लीला धानक, ओम प्रजापति, रघबीर स्वामी, मौजीराम, देशराम भांडवा, सत्यवान कालूवाला इत्यादि मौजूद रहे।

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