कितलाना टोल पर धरना जारी

किसान आंदोलन महज तीन कृषि कानूनों को रद्द कराने का ही नह

By JagranEdited By: Publish:Wed, 24 Mar 2021 07:37 AM (IST) Updated:Wed, 24 Mar 2021 07:37 AM (IST)
कितलाना टोल पर धरना जारी
कितलाना टोल पर धरना जारी

जागरण संवाददाता, चरखी दादरी : किसान आंदोलन महज तीन कृषि कानूनों को रद्द कराने का ही नहीं अपितु लोकतंत्र बचाने के लिए आजादी की दूसरी लड़ाई है। यह बात युवा वक्ताओं ने संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर कितलाना टोल पर शहीदी दिवस मनाते हुए कही।

उन्होंने कहा कि केंद्र और हरियाणा सरकार निरंकुश हो गई हैं। उन्होंने कहा कि अंग्रेजों की भांति मौजूदा समय में भी लोकतंत्र का गला घोंट रखा है। इसलिए युवा बुजुर्गों के मार्गदर्शन में हर मोर्चे पर अडिग रहेंगे और तीनों कृषि कानून रद करवाकर रहेंगे। कितलाना टोल पर मंगलवार को सबसे पहले शहीद भगतसिंह, राजगुरु और सुखदेव के चित्र पर माल्यार्पण के बाद दो मिनट का मौन रखा गया। किसान आंदोलन में शहादत देने वाले किसानों को भी श्रद्धांजलि अर्पित की गई। वक्ताओं ने कहा कि देश के नौजवान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सच्चाई से वाकिफ हो गए हैं। तीन कृषि कानून बनाकर उन्होंने किसानों की ही नहीं मजदूर, कर्मचारी और व्यापारी सहित हर वर्ग पर कड़ी चोट की है। 89 वें दिन भी फ्री रहा कितलाना टोल

कितलाना टोल पर धरने के 89वें दिन युवा दिवस की अध्यक्षता किसान नेता राजू मान, भाकियू जिला प्रधान राकेश आर्य, संजय श्योराण, प्रवीण प्रेमनगर, नरेंद्र नाथूवास, योगेश इमलोटा, कृष्ण फौगाट, विजय मोटू, इंदु परमार, नरेंद्र झोझू, संजय यादव ने संयुक्त रूप से की। उन्होंने कहा कि भगत सिंह सरीखे शहीदों की बदौलत हमें आजादी मिली थी। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार दोनों युवाओं को रोजगार देने में असमर्थ रही हैं। युवा दिवस के आयोजन पर मौसम परिवर्तन के चलते तेज आंधियों से टैंट हिल गए। इसके बावजूद धरने पर किसान डटे रहे तथा एक घंटे बाद हवाएं शांत होने पर भाषणबाजी शुरू हुई। युवाओं ने सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। धरने का मंच संचालन धर्मेन्द्र छपार ने किया। मंगलवार को भी टोल फ्री रहा। ये रहे मौजूद

इस अवसर पर खाप सांगवान चालीस के सचिव नरसिंह डीपीई, फौगाट खाप के सचिव सुरेश फौगाट, अजित सिंह फौगाट, गंगाराम श्योराण, रामकुमार कादयान, प्रीतम चेयरमैन, पूर्व सरपंच संजय मन्दोला, राजेश श्यामकलां, कृष्णा सांगवान, दल्लो, किताब कौर, रेखा, जोगेंद्र डोहकी, राजकुमार हड़ौदी, रामकुमार सोलंकी, जगदीश हुई, सुभाष यादव, सतीश सांगवान, चिटू ताखर, प्रदीप श्योराण, चरण सिंह, ओम नम्बरदार, सत्यवान कालुवाला, अपूर्व, विजय घिकाड़ा, सोनू डालावास इत्यादि मौजूद थे।

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