गांव निमड़ीवाली के किसानों का धरना 39वें दिन भी रहा जारी

एक तरफ जहां कारगिल विजय शहीद दिवस पर देश भर में कारगिल शहीदों को याद किया गया तथा उनकी शहादत की गौरवगाथा गाई जा रही है। दूसरी तरफ अपने पद के नशे में चूर हरियाणा बिजली वितरण निगम द्वारा जबरदस्ती शहीद वीरांगना के खेत में बिजली के टावर लगाए जा रहे हैं तथा शहीदों के परिजनों को प्रताड़ित किया जा रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 27 Jul 2021 08:49 AM (IST) Updated:Tue, 27 Jul 2021 08:49 AM (IST)
गांव निमड़ीवाली के किसानों का धरना 39वें दिन भी रहा जारी
गांव निमड़ीवाली के किसानों का धरना 39वें दिन भी रहा जारी

जागरण संवाददाता, भिवानी : एक तरफ जहां कारगिल विजय शहीद दिवस पर देश भर में कारगिल शहीदों को याद किया गया तथा उनकी शहादत की गौरवगाथा गाई जा रही है। दूसरी तरफ अपने पद के नशे में चूर हरियाणा बिजली वितरण निगम द्वारा जबरदस्ती शहीद वीरांगना के खेत में बिजली के टावर लगाए जा रहे हैं तथा शहीदों के परिजनों को प्रताड़ित किया जा रहा है। इसके साथ ही कंपनी द्वारा खेतों में लगे हरे पेड़ भी काटे जा रहे हैं। इसके चलते गांव निमड़ीवाली में धरनारत्त किसानों में भारी रोष है। बता दे कि हरियाणा बिजली वितरण निगम द्वारा किसानों के खेतों में बिना मुआवजा दिए जबरदस्ती लगाए जा रहे बिजली के टावरों के विरोध में किसान पिछले 39 दिनों से धरनारत्त है। उनकी जमीन पर टावर लगाने की एवज में मुआवजा दिए जाने की मांग कर रहे है, लेकिन कंपनी व प्रशासनिक अधिकारी किसानों की बातों को मानने की बताए उन्हे लगातार प्रताड़ित कर रहे है। सोमवार को धरने की अध्यक्षता दिनेश शर्मा, करतार गिल, कुलबीर शास्त्री, बिजेंद्र सिंहमार, प्रमोद यादव, राजेंद्र हालुवास ने की। इस मौके पर मामन श्योराण व बलजीत गहलावत 24 घंटे के लिए अनशन पर बैठे। वही नंबरदार पृथ्वी सिंह गिल ने धरने को समर्थन देने पहुंचे।

भाकियू जिला अध्यक्ष राकेश आर्य ने कहा कि सोमवार को हरियाणा बिजली वितरण निगम द्वारा वर्ष 1971 मे शहीद वीरांगना के खेत मे बिना सूचना दिए पहुंचे तथा टावर लगाने वाली कंपनी ने हरे पेड़ उखाड़ दिए। उन्होंने बताया कि शहीद की पत्नी इंद्रावति का बीमारी के कारण इलाज चल रहा है तथा वह अपने इलाज करवाने के लिए गई थी, पीछे से हरियाणा बिजली वितरण निगम की लाइन बिछाने वाली कंपनी ने उनके खेत से हरे पेड़ उखाड़ कर टावर लगा दिए, जिसके विरोध में धरनारत्त किसानों में भारी रोष बना हुआ हैं।

उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि कंपनी व प्रशासनिक अधिकारी अपनी ऐसी हरकतों से बाज आए, नहीं तो किसान को मजबूरन अपना संघर्ष तेज करना होगा। आर्य ने प्रति टावर 30 लाख रुपये तथा जिसके खेत से बिजली की लाइन जा रही है, उसे प्रति एकड़ 25 लाख रुपये मुआवजा या प्रति माह का किराया दिए जाने की मांग की। इस अवसर पर प्रदीप सिंहमार, रघबीर गिल, राजकुमार सिंहमार, अनिल जांगड़ा, रघबीर खरबास, वीरभान गिल, सतबीर जांगड़ा, हंशा गुलिया, जोरा प्रजापत, राजकुमार, सोमबीर स्टार, धर्म दहिया, ढिल्लू पंच सहित अनेक किसान मौजूद रहे।

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