कितलाना टोल पर धरना जारी, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के पद पर रहते नहीं हो सकती निष्पक्ष जांच : सोमबीर

जागरण संवाददाता चरखी दादरी संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर लखीमपुर खीरी की घटना को ल

By JagranEdited By: Publish:Fri, 15 Oct 2021 08:45 AM (IST) Updated:Fri, 15 Oct 2021 08:45 AM (IST)
कितलाना टोल पर धरना जारी, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के पद पर रहते नहीं हो सकती निष्पक्ष जांच : सोमबीर
कितलाना टोल पर धरना जारी, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के पद पर रहते नहीं हो सकती निष्पक्ष जांच : सोमबीर

जागरण संवाददाता, चरखी दादरी : संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर लखीमपुर खीरी की घटना को लेकर किसानों में भारी रोष है। घटना के दोषी केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री को तुरंत बर्खास्त करना चाहिए। 16 अक्टूबर को मकड़ौली टोल पर महापंचायत आयोजित की जाएगी तथा 18 अक्टूबर को पूरे देश में रेल रोकने का निर्णय लिया गया है। यह बात खाप सांगवान चालीस के प्रधान व दादरी से निर्दलीय विधायक सोमबीर सांगवान ने कितलाना टोल पर वीरवार को धरने को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि जब तक केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अपने पद पर बने रहेंगे तब तक घटना के दोषियों को बचाने का काम करेंगे। घटना की निष्पक्ष जांच करने, दोषियों को सजा करवाने का काम नहीं होगा। किसान सभा के कामरेड ओमप्रकाश ने आरोप लगाया कि आज केंद्र सरकार की गलत नीतियों ने देश में बिजली संकट पैदा कर दिया है और देश की बड़ी बिजली कंपनियों को महंगी बिजली बेचने का अवसर दिया जा रहा है। महंगाई ने जनता का बुरा हाल कर दिया है, किसान की फसल औने पौने दामों पर बिकवाई जा रही है। किसान डीएपी खाद के लिए लाइनों में लगने को मजबूर है। खाद्य पदार्थों व अन्य वस्तुओं के बढ़ते भावों ने गरीबों की कमर तोड़ दी है। 294वें दिन भी धरना रहा जारी

कितलाना टोल पर धरने के 294 वें दिन की अध्यक्षता सांगवान खाप से नरसिंह सांगवान डीपीई, श्योराण खाप से बिजेन्द्र बेरला, किसान सभा से प्रताप सिंह सिंहमार, चौ. छोटूराम डा. आंबेडकर मंच से गंगाराम स्योराण, युवा कल्याण संगठन से राजू गोरीपुर, जाटू खाप से मास्टर राजसिंह, चौगामा खाप से मीरसिंह नीमड़ीवाली, रिटायर्ड कर्मचारी संघ से दिलबाग ढुल, महिला मोर्चा से चंद्रकला, विद्या डोहकी ने संयुक्त रूप से की। मंच का संचालन किसान सभा के कामरेड ओमप्रकाश ने किया। ये रहे मौजूद

इस अवसर पर मास्टर ताराचंद चरखी, सूरजभान झोझू, बलबीर सिंह बजाड़, सुखदेव पालवास, सूबेदार सतबीर सिंह, समुंद्र सिंह धायल, परमजीत फतेहगढ़, राजेंद्र जांगड़ा, रामानंद धानक, जयप्रकाश प्रजापत, सुलतान खान, शमशेर सांगवान, राजविरेंद्र कालूवाला, बिजेंद्र चरखी, चंद्र सिंह पैंतावास इत्यादि मौजूद रहे।

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