लाठीचार्ज के विरोध में किसानों ने जताया विरोध
रोहतक में शांतिप्रिय ढंग से आंदोलन करने वाले किसानों पर लाठीचार्ज
संवाद सहयोगी, बाढड़ा : रोहतक में शांतिप्रिय ढंग से आंदोलन करने वाले किसानों पर लाठीचार्ज करने की घटना के विरोध में भाकियू की अगुवाई में सामाजिक संगठनों ने मुख्य चौक पर रोष प्रकट करते हुए मुख्यमंत्री का पूतला फूंका तथा 8 अप्रैल को किसान संगठनों की बैठक बुलाकर 10 अप्रैल को केएमपी जाम करने के लिए ग्राम स्तर पर जिम्मेवारी देने का निर्णय भी लिया।
कस्बे के मुख्य क्रांतिकारी चौक पर भाकियू अध्यक्ष धर्मपाल बाढड़ा व महासचिव हरपाल भांडवा ने कहा कि रोहतक में शांतिप्रिय ढंग से आंदोलन करने वाले बुजुर्ग किसानों पर लाठीचार्ज करना गलत है। इससे पहले किसान नेता राकेश टिकैत पर जानलेवा हमला व युवा नेता रवि आजाद को बिना दोष गिरफ्तार करने का खामियाजा सरकार को भुगतना पड़ेगा। देश में आज किसान व नौजवान पर सबसे अधिक अत्याचार बढ़ रहे हैं। सरकारी पदों पर युवाओं को भर्ती करने की बजाए सारी प्रक्रिया से गुजरने के बाद भी अंतिम परिणाम को रोकने के बाद रद कर दिया जाता है। तेल मूल्य वृद्धि ने आमजन के जीवन में प्रयोग होने वाली दैनिक घरेलू वस्तुओं व फल सब्जियों के भाव आसमान पर पहुंच गए हैं। तेल मूल्य वृद्धि पर विपक्ष में रहकर हो-हल्ला मचाने वाली भाजपा अब सारे मामले पर मूकदर्शक बनी हुई है।
उन्होंने कहा कि अगर सरकार जल्द ही किसानों पर लागू किए तीनों कृषि कानूनों को रद नहीं करती है तो देश के किसान दिल्ली के लिए कूच करेंगे और सरकार के खिलाफ रोष आंदोलन करने को मजबूर होंगे। उन्होंने बताया कि 8 अप्रैल को किसान भवन में बैठक बुलाकर 10 अप्रैल को केएमपी जाम करने के लिए ग्राम स्तर पर जिम्मेदारियां लगाई जाएंगी। ये हुए शामिल
रोष प्रदर्शन में उनके अलावा भाकियू नेता कमल सिंह हड़ौदी, प्रेरक एसोसिएशन अध्यक्ष विनोद मांढी, पवन बाढड़ा, सोमबीर सिंह, किसान सभा अध्यक्ष महेन्द्र जेवली, सूबेदार चंद्रपाल चांदवास, गिरधारी मोद, रणधीर सिंह हुई, प्रदीप बाढड़ा, प्रताप हंसावास, दिलबाग गोपी, महेन्द्र जेवली, सत्यवान बलौदा, देशराम भांडवा, सूबेसिंह द्वारका, दिलबाग गोपी, आनंद वालिया, प्रेम भारीवास इत्यादि मौजूद रहे।