कितलाना टोल पर किसानों ने गुरु अर्जुन देव जी को श्रद्धासुमन किए अर्पित

गुरु अर्जुन देव जी बेहद शांत और गंभीर स्वभाव के स्वामी थे। वे अपने युग के सर्वमान्य लोकनायक थे जो दिन-रात संगत सेवा में लगे रहते थे। यह बात दादरी से निर्दलीय विधायक और खाप सांगवान 40 के प्रधान सोमबीर सांगवान ने कितलाना टोल पर गुरु अर्जुन देव के बलिदान दिवस पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कही।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 15 Jun 2021 06:30 AM (IST) Updated:Tue, 15 Jun 2021 06:30 AM (IST)
कितलाना टोल पर किसानों ने गुरु अर्जुन देव जी को श्रद्धासुमन किए अर्पित
कितलाना टोल पर किसानों ने गुरु अर्जुन देव जी को श्रद्धासुमन किए अर्पित

जागरण संवाददाता, भिवानी : गुरु अर्जुन देव जी बेहद शांत और गंभीर स्वभाव के स्वामी थे। वे अपने युग के सर्वमान्य लोकनायक थे जो दिन-रात संगत सेवा में लगे रहते थे। यह बात दादरी से निर्दलीय विधायक और खाप सांगवान 40 के प्रधान सोमबीर सांगवान ने कितलाना टोल पर गुरु अर्जुन देव के बलिदान दिवस पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि गुरु अर्जुन देव के मन में सभी धर्मो के प्रति अथाह स्नेह था।अर्जुन देव जी शहीदों के सरताज एवं शान्तिपुंज हैं। आध्यात्मिक जगत में गुरु जी को सर्वोच्च स्थान प्राप्त है और उन्हें ब्रह्मज्ञानी भी कहा जाता है।

पूर्व मुख्य संसदीय सचिव रणसिंह मान ने कहा कि भाजपा और आरएसएस का एजेंडा शीशे की तरह साफ है। उनका मकसद आम जनता को भूखमरी के कगार पर ले जाना है ताकि वे लोग सिर्फ अपने दो जून की रोटी के बारे में सोचते रहें। तीन कृषि कानून बनाने से भाजपा और आरएसएस की सोच को समय रहते देश के किसान मजदूरों ने भांप लिया। इसलिए मजबूती से इसे जनांदोलन बना संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसान- मजदूरों की जीत होगी और मोदी सरकार को ये काले कानून रद्द करने पड़ेंगे।

संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर धरने के 172वें दिन खाप सांगवान चालीस के सचिव नरसिंह डीपीई, श्योराण खाप पच्चीस के प्रधान बिजेंद्र बेरला, फौगाट खाप के राजबीर फौगाट, किसान सभा के रणधीर कुंगड़, सुभाष यादव, मंगल सुई, मास्टर राजसिंह, राजकुमार प्रधान, संतोष देशवाल, लक्ष्मी डोहकी ने संयुक्त रूप से अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था का बुरा हाल है।

इस अवसर पर सूरजभान सांगवान, सुरेन्द्र कुब्जानगर, आजाद सिंह अटेला, प्रताप सिंहमार, बलबीर बजाड़, कमल प्रधान, जागेराम डीपीई, राजपाल घुसकानी, राजकुमार हड़ौदी, महाबीर बडेसरा, कप्तान धर्मपाल अटेला, सुरेश खेड़ी बुरा, मास्टर महाबीर रानीला, वजीर फौगाट, पवन फौगाट, रामफल देशवाल, सत्यवान कालुवाला, मास्टर देवेंद्र हड़ौदी, मास्टर कृष्ण, शमशेर सारंगपुर इत्यादि मौजूद थे।

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