22 राज्यों में 500 से अधिक स्थानों पर प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपेंगे किसान संगठन
जागरण संवाददाता चरखी दादरी भारतीय किसान यूनियन लोकशक्ति की बैठक बुधवार को जिला प्रभार
जागरण संवाददाता, चरखी दादरी : भारतीय किसान यूनियन लोकशक्ति की बैठक बुधवार को जिला प्रभारी यादवेंद्र डूडी व जिला संरक्षक कंवर झोझू कलां की अध्यक्षता में हुई। इस दौरान भाकियू प्रदेश अध्यक्ष जगबीर घसौला ने कहा कि किसान आंदोलन को नौ माह का समय होने वाला है। सरकार ने 11 दौर की वार्ता किसानों के साथ की। जिसमें सभी चर्चाएं बेनतीजा रहीं। लेकिन दुर्भाग्य है कि पिछले करीब साढ़े छह माह से सरकार और किसानों के बीच वार्ता नहीं हो रही है। सरकार अपनी हठधर्मिता पर अड़ी हुई है और किसान नेता भी इस आंदोलन को 2022 के चुनाव तक बढ़ाना चाहते हैं। 26 नवंबर को जब किसान दिल्ली कूच के लिए निकले तब किसानों की मुख्य रूप से दो मांगें थी। जिसमें किसानों के द्वारा उत्पादित सभी फसलों के खर्च पर 50 फीसद लाभप्रद मूल्य व नए कृषि कानूनों को रद करना। लेकिन एमएसपी की मुख्य मांग को पीछे छोड़ते हुए सरकार और किसानों के बीच तीन कानूनों को लेकर पेंच फंस गया। इसी के चलते देश के लगभग 22 राज्यों में 500 से अधिक जिला मुख्यालयों पर राष्ट्रीय किसान मोर्चा के नेतृत्व में प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा जाएगा। नई मांगें करेंगे शामिल
जगबीर घसौला ने कहा कि यदि सरकार किसानों से वार्ता करती है तो हरियाणा संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से दो मांगें और शामिल की जाएंगी। जिसमें संपूर्ण किसान कर्ज मुक्ति व भूमि अधिग्रहण नियम 2013 के तहत किसानों की अधिग्रहण की गई भूमि का फ्लैट रेट से पांच गुना किसानों को मुआवजा राशि दी जाए। जगबीर ने कहा कि कर्जे के कारण प्रति वर्ष देश के लाखों किसान मौत को गले लगा लेते हैं। इस अवसर पर भाकियू प्रदेश महासचिव रणबीर फौजी ने कहा कि दादरी जिले के कई गांवों में जलजमाव की वजह से खरीफ की ज्यादातर फसलें नष्ट हो चुकी हैं। लेकिन सरकार की तरफ से मुआवजे के लिए स्पेशल गिरदावरी के कोई आदेश जारी नहीं किए गए हैं। इस मौके पर धर्मचंद तिवाला, युवा मीडिया प्रभारी रविद्र घिकाड़ा, जगदेव कलकल, रमेश रोहिल्ला, कटार सिंह पांडवान, रणसिंह घिकाड़ा, जयवीर मानकावास, वेदप्रकाश फोरमैन, संजय मानकावास भी मौजूद रहे।