किसान संगठनों ने किया जन जागरूकता प्रदर्शन, एसडीएम दफ्तर पर धरना देने की दी चेतावनी
कस्बे के मुख्य क्रांतिकारी चौक पर केंद्र सरकार से कृषि क्षेत्र में लागू किए तीनों कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर किसान संगठनों का जन जागरूकता अभियान 13 वें दिन भी जारी रहा।
संवाद सहयोगी, बाढड़ा: कस्बे के मुख्य क्रांतिकारी चौक पर केंद्र सरकार से कृषि क्षेत्र में लागू किए तीनों कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर किसान संगठनों का जन जागरूकता अभियान 13 वें दिन भी जारी रहा। किसान व सामाजिक संगठनों ने इन कानूनों को कृषि विरोधी व कारपोरेट हितैषी बताते हुए इन्हें रद करने की मांग की है। इसके साथ ही किसानों ने दो दिन में डीएपी की उपलब्धता न होने पर एसडीएम कार्यालय के समक्ष धरना देने की चेतावनी दी। भारतीय किसान पार्टी अध्यक्ष महेंद्र जेवली की अगुवाई में बाढड़ा कस्बे के मुख्य चौक पर आयोजित विरोध प्रदर्शन को संबोधित करते हुए जिलाध्यक्ष प्रदीप बाढड़ा ने कहा कि देश का पेट भरने वाला किसान स्वयं भूखा मरने को मजबूर है। आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण उनके बच्चे उच्च शिक्षा पाने से वंचित रह जाते हैं। आज देश का दुर्भाग्य है कि किसान की फसलों को कोई खरीदने वाला नहीं है और रबी सीजन के लिए डीएपी तक के लिए संकट बना हुआ है। केंद्र व प्रदेश सरकार कानूनों की हिमायती तो है लेकिन धरातल पर किसानों के हितों को अनदेखी करना न्यायसंगत नहीं है। किसान आंदोलन में पंजाब, हरियाणा के किसानों की भागेदारी सुनिश्चित करती है कि कृषि क्षेत्र में आए तीन नए कानून कहीं न कहीं कृषि को जरूरत से ज्यादा बर्बाद करने में सक्षम हैं। भाजपा सरकार को तीनों कानूनों को वापस लेने का कदम उठाने में देरी नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आज किसान को अपनी फसलें बेचने के लिए मंडी में सोना पड़ रहा है वहीं खाद के लिए पुलिस स्टेशनों में दर दर भटकना पड़ रहा है। इस मामले में सांसदों, विधायकों को किसानों की आवाज को सत्ता तक पहुंचा कर इस समस्या का समाधान करवाना चाहिए। इस अवसर पर उन्होंने आगामी दो दिन में डीएपी की किल्लत दूर न करने पर मंगलवार से एसडीएम कार्यालय के सामने धरना शुरु करने का एलान किया। इस मौके पर जितेन्द्र डांडमा, अजय कुमार, राजू बाढड़ा, शक्ति सिंह, रेहड़ी यूनियन अध्यक्ष रमेश कुमार इत्यादि किसान, सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि मौजूद रहे।