2020 की कपास फसल के मुआवजे को लेकर नैना चौटाला से मिले किसान, सांठगांठ करने के लगाए आरोप

संवाद सहयोगी बाढड़ा गांव काकड़ौली हट्ठी के किसानों के एक प्रतिनिधिमंडल ने विधायक नैना च

By JagranEdited By: Publish:Sun, 26 Sep 2021 06:20 AM (IST) Updated:Sun, 26 Sep 2021 06:20 AM (IST)
2020 की कपास फसल के मुआवजे को लेकर नैना चौटाला से मिले किसान, सांठगांठ करने के लगाए आरोप
2020 की कपास फसल के मुआवजे को लेकर नैना चौटाला से मिले किसान, सांठगांठ करने के लगाए आरोप

संवाद सहयोगी, बाढड़ा : गांव काकड़ौली हट्ठी के किसानों के एक प्रतिनिधिमंडल ने विधायक नैना चौटाला से मुलाकात कर उनसे खरीफ सीजन 2020 में कपास का मुआवजा दिलवाने की मांग की। ग्रामीणों ने बताया कि कृषि व राजस्व विभाग ने स्पेशल गिरदावरी में तो गांव की कपास के नुकसान को 75 फीसद दर्शाया गया। लेकिन कृषि विभाग की टीम ने बीमा कंपनी से सांठगांठ कर उनके नुकसान के रिकार्ड में उच्च उत्पादन दर्शा कर उनकी भरपाई नहीं करने दी। विधायक ने एसडीएम शंभु राठी से सारे मामले की जांच कर प्रभावित किसानों को उनका मुआवजा दिलाने का आदेश दिया। इनसो के पूर्व अध्यक्ष विजय श्योराण की अगुवाई में नंबरदार बलबीर सिंह, रामनारायण, कृष्ण श्योराण, पंच धर्मपाल सिंह इत्यादि ने विधायक नैना चौटाला के सिरसा आवास पर उनके मुलाकात की। किसानों ने बताया कि वर्ष 2020 में उनके गांव में कपास की फसल में सफेद मक्खी व बेमौसमी बरसात के कारण नुकसान हुआ था। किसानों ने इसकी शिकायत कृषि विभाग को की। बाद में प्रदेश सरकार ने स्पेशल गिरदावरी करवाने का आदेश दिया। किसानों की शिकायत के बाद कृषि व राजस्व विभाग ने स्पेशल गिरदावरी में तो गांव की कपास में 75 फीसद नुकसान दर्शाया। लेकिन कृषि विभाग की टीम ने सांठगांठ कर उनके नुकसान के बजाय उच्च उत्पादन की श्रेणी में डाल दिया। 2020 में रोग से बर्बाद हुई थी फसल

किसान बलवान श्योराण, राकेश कुमार इत्यादि ने बताया कि खरीफ सीजन 2020 में उनके गांव में ज्यादातर कपास की फसल की बुआई की गई थी। पूरी तरह तैयार होते ही सफेद मक्खी व उखेड़ा रोग से फसल तबाह हो गई। किसानों ने पीएम फसल बीमा कंपनी प्रतिनिधि को शिकायत दी तो कंपनी के कर्मचारी व कृषि विभाग के अनुबंधित कर्मचारी ने गांव में जाकर चारों कोनों से विशेष रिपोर्ट बनाई और किसानों को भरोसा दिया कि उनको जल्द बीमा राशि मिलेगी। उसके बाद प्रदेश के राजस्व विभाग ने भी गांव के प्रभावित रकबे की स्पेशल गिरदावरी की तो कपास को 51 से 75 फीसद नुकसान श्रेणी में शामिल कर राज्य सरकार को रिपोर्ट भेज दी। किसानों को बाद में पता चला कि बीमा कंपनी ने नुकसान के दायरे में शामिल ना करके उनके गांव को उच्च श्रेणी उत्पादन में शामिल कर दिया। जबकि उनके साथ लगते आठ गांवों के किसानों का कपास और बाजरे का मुआवजा खातों में आ गया। लेकिन उनके गांव के साथ कृषि विभाग व बीमा कंपनी ने खिलवाड़ किया है। विधायक नैना चौटाला ने एसडीएम शंभु राठी से फोन पर बात कर दोबारा जांच कर प्रभावित किसानों को मुआवजा वितरण के लिए कहा।

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