तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने, लखीमपुर मामले में कार्यवाही की मांग को लेकर किसान संगठनों ने जलाए पुतले

संवाद सहयोगी बाढड़ा तीन कृषि कानूनों को वापस लेने लखीमपुर खीरी कांड के मामले में गृह

By JagranEdited By: Publish:Sat, 16 Oct 2021 07:16 AM (IST) Updated:Sat, 16 Oct 2021 07:16 AM (IST)
तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने, लखीमपुर मामले में कार्यवाही की मांग को लेकर किसान संगठनों ने जलाए पुतले
तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने, लखीमपुर मामले में कार्यवाही की मांग को लेकर किसान संगठनों ने जलाए पुतले

संवाद सहयोगी, बाढड़ा : तीन कृषि कानूनों को वापस लेने, लखीमपुर खीरी कांड के मामले में गृह राज्य मंत्री को उनके पद से हटाने तथा प्रदेश में बाजरा की सरकारी खरीद शुरू करवाने, किसानों को बिजली, पानी व खाद पर्याप्त मात्रा में मुहैया करवाने इत्यादि मांगों को किसान संगठनों ने पूरा करने की मांग की है। इन मांगों को लेकर सरकार के उदासीन रवैये पर रोष जताते हुए किसान संगठनों ने संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर शुक्रवार को बाढड़ा कस्बे के मुख्य क्रांतिकारी चौक पर पीएम, गृहमंत्री, प्रदेश के सीएम मनोहर लाल व डिप्टी सीएम के पुतले जलाए। भाकियू महासचिव हरपाल भांडवा की अगुवाई में आयोजित विरोध प्रदर्शन को संबोधित करते हुए भाकियू अध्यक्ष धर्मपाल बाढड़ा ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों के हितों से लगातार खिलवाड़ कर रही है। तीनों कानूनों को लागू कर किसान को एक तरह से बंधक बना रही है। इन कानूनों का शांतिमय तरीके से विरोध करने पर वाहनों से कुचला जा रहा है। लखीमपुर खीरी की घटना के दोषियों को बचाने में जुटी है जो लोकतंत्र में न्यायसंगत नहीं माना जा सकता है। भाकियू महासचिव हरपाल भांडवा ने कहा कि प्रदेश सरकार जानबूझ कर किसानों के साथ छलावा कर रही है। रबी सीजन के लिए किसानों को खाद, बीज व टयूबवेल के लिए बिजली न मिलने से किसानों की सरसों बीजाई पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। किसानों को एमएसपी सुविधा छीनी जा रही है वहीं सरकार झूठे वायदे व दावों से भ्रम के हालात बना रहे हैं। किसान संगठनों के उग्र पदाधिकारियों ने कस्बे में रोष मार्च निकाल कर मुख्य क्रांतिकारी चौक पर पीएम, गृहमंत्री, प्रदेश के सीएम मनोहर लाल व डिप्टी सीएम का पुतला जलाकर विरोध जताया तथा सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। विरोध प्रदर्शन में धर्मसेना जिलाध्यक्ष प्रदीप बाढड़ा, गुणपाल दगड़ौली, जितेंद्र डांडमा, रणधीर हुई, गिरधारी मोद, सुमेर चांदवास, कमल सिंह हड़ौदी इत्यादि मौजूद रहे।

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