बडेसरा में डेढ़ हजार एकड़ फसल जलमग्न, जुगाड़ के सहारे फसलें बचाने की कवायद
दीपक शर्मा, भिवानी गांव बड़ेसरा में किसानों की 1500 एकड़ फसल में पिछले दिनों हुई बरसा
दीपक शर्मा, भिवानी
गांव बड़ेसरा में किसानों की 1500 एकड़ फसल में पिछले दिनों हुई बरसात के बाद से 3 से 4 फुट पानी जमा है। जलभराव के कारण अधिकतर फसलें बर्बाद हो चुकी हैं। वहीं धान की फसल कुछ हद तक बची हुई है। किसानों का मानना है कि यदि धान में भी इतना पानी लंबे समय तक जमा रहा तो धान भी बर्बाद हो जाएगा। इस कारण किसान अपने खून पसीने की कमाई को जुगाड़ लगाकर जलभराव से बचाने में जुटे हैं। देखने में आया कि किसानों ने इसके लिए चारपाई को नाव बनाया हुआ है। इस पर रखकर किसान धान की फसल को पानी से बाहर निकाल रहे हैं, ताकि कुछ धान को बर्बाद होने से बचाया जा सकता है।
किसानों की माने तो इन दिनों धान की फसल पककर तैयार है। लेकिन बरसात से खेतों में पानी भर गया है और किसान धान की कटाई नहीं कर पा रहे। जिस कारण किसान धान को ऊपर से काटकर पानी से निकालने को विवश हैं। किसानों का कहना है कि इससे उन्हें धान की बर्बादी तो हो रही है साथ ही पराली का भी नुकसान हो रहा है। ग्रामीण पानी की निकासी के लिए प्रशासन से भी कई बार गुहार लगा चुके हैं। उपायुक्त से लगाई गुहार
गांव बड़ेसरा निवासी अनिल कुमार, सम्मत ¨सह, रामफल, राजबीर, जयपाल, वेदपाल, राजकुमार, रोशनलाल, विकास, सत्यपाल, सुंदर, धर्मपाल, राज, शमशेर, मोना, बिमला, सरोज, भतेरी, प्रकाशो, राजो देवी, राजबाला व कृष्णा देवी ने उपायुक्त को ज्ञापन सौंपकर पानी निकासी करने की गुहार लगाई। उन्होंने कहा कि गांव में जमा पानी को जल्द से जल्द निकाला जाए। ताकि कुछ फसल को बर्बाद होने से बचाया जा सके। बड़ेसरा निवासी प्रवीण ने बताया कि अपने गांव में भरे पानी को निकालने के लिए प्रशासन के अधिकारियों के दफ्तरों के पिछले 15 दिनों से चक्कर काट रहे हैं। लेकिन बड़ेसरा गांव की 1500 एकड़ से अधिक फसल में पानी खड़ा है। प्रशासन इसकी सुध नहीं ले रहा। जिस कारण किसानों के खून पसीने की कमाई बर्बाद हो रही है। बड़ेसरा निवासी सुखबीर ने बताया कि खेतों में 3 से 4 फूट तक पानी खड़ा है। उन्होंने खेतों से पानी निकालने की व्यवस्था के लिए बिजली विभाग से बिजली कनेक्शन मांगा तो एक्सईएन ने मना कर दिया। जिस कारण जमा पानी को निकालने की ओर कोई कवायद नहीं की जा रही। बडेसरा निवासी रोशनलाल ने कहा कि वे कई दफा अधिकारियों को इस बारे में अवगत करवा चुके हैं। लेकिन अधिकारियों के कानों जूं तक नहीं रेंगती। प्रशासन द्वारा अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। किसान खड़े पानी से चारपाई की नांव बनाकर फसलें पानी से निकालने को मजबूर हैं।