किसानों ने लगाया आंदोलन को बदनाम करने का आरोप
केंद्र व प्रदेश सरकार बार बार किसान आंदोलन को बदनाम करने
जागरण संवाददाता, चरखी दादरी : केंद्र व प्रदेश सरकार बार बार किसान आंदोलन को बदनाम करने का षडयंत्र रच रही है। सरकार अपनी इस सोच से बाज आए अन्यथा परिणाम गंभीर होंगे। यह बात जाटू खाप के सचिव राज सिंह ने शनिवार को कितलाना टोल पर धरने को संबोधित करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन में 500 किसानों की जान जाने के बाद भी संगठन शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन कर रहे हैं। लेकिन सरकार इस मुद्दे पर गंभीर नहीं दिखाई दे रही। सरकार किसान आंदोलन पर उंगली उठाने का कोई मौका हाथ से नहीं जाने दे रही। उन्होंने कहा कि किसान और मजदूर इन तीन कृषि कानूनों की असलियत समझ गए हैं। इसलिए एकजुटता से इन कानूनों के खिलाफ जनांदोलन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकारी मंडी खत्म होने से मजदूरों पर मार पड़ेगी। गरीब व मध्यम वर्ग को सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से मिलने वाला सस्ता अनाज बंद हो जाएगा। 177वें दिन फ्री रहा कितलाना टोल
संयुक्त किसान मोर्चे के आह्वान पर कितलाना टोल के अनिश्चितकालीन धरने के 177वें दिन खाप सांगवान चालीस के सचिव नरसिंह डीपीई, प्रधान बिजेंद्र बेरला, राजसिंह, धर्मबीर समसपुर, गंगाराम श्योराण, किसान सभा के प्रताप सिंहमार, सुभाष यादव, कमल सांगवान, संतरा, रतनी डोहकी, प्रेम शर्मा कितलाना ने संयुक्त रूप से अध्यक्षता की। धरने के दौरान प्रसिद्ध धावक मिल्खा सिंह और उनकी पत्नी निर्मल कौर के निधन पर शोक प्रकट किया गया। मंच संचालन कामरेड ओमप्रकाश ने किया। ये रहे मौजूद
इस अवसर पर सूरजभान सांगवान, रणधीर घिकाड़ा, राजू मान, प्रो. जगमिद्र, बलबीर बजाड़, हरबीर सांगवान, रणधीर कुंगड़, मीर सिंह, मौजीराम, रोहताश पहलवान, दिलबाग ढुल, सुखदेव पालवास, धर्मेंद्र छपार, परमजीत फतेहगढ़, सूबेदार सतबीर सिंह, होशियार सिंह पहलवान, दलबीर सिंह छपार, मंगल सुई, शमशेर सांगवान, चंद् सिंह, जयपाल जांगड़ा, रामानंद धानक, ओमप्रकाश सोनी, राजबाला, सिलोचना, सावित्री, डा. राजू, सबीर हुसैन भी मौजूद रहे।