किसान बोले- ओलंपिक में हाकी टीम ने पदक जीत बढ़ाया देश का मान, सरकार का व्यवहार बेरुखा

कितलाना टोल पर धरने के 224वें दिन किसानों ने सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। उन्हेांने कहा कि हमारे बेटे-बेटियां देश के लिए मेडल जीत रहे हैं लेकिन सरकार का व्यवहार बेरूखा है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 05 Aug 2021 09:49 PM (IST) Updated:Thu, 05 Aug 2021 09:49 PM (IST)
किसान बोले- ओलंपिक में हाकी टीम ने पदक जीत बढ़ाया देश का मान, सरकार का व्यवहार बेरुखा
किसान बोले- ओलंपिक में हाकी टीम ने पदक जीत बढ़ाया देश का मान, सरकार का व्यवहार बेरुखा

कितलाना टोल पर धरने के 224वें दिन सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी

जागरण संवाददाता, भिवानी: ओलंपिक में 41 साल बाद किसान-मजदूरों के लाडलों ने अथक परिश्रम से हाकी में कांस्य पदक जीतकर देश का गौरव बढ़ाया है, जिन पर हम सबको नाज है। लेकिन सरकार उनके आंदोलनरत बुजुर्गों की बातों को अनसुनी कर रही है। यह बात श्योराण खाप के राजकुमार हड़ौदी ने कितलाना टोल पर चल रहे किसानों के अनिश्चितकालीन धरने को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि हमारे जांबाजों ने पिछड़ने के बावजूद जिस हौसले से अविस्मरणीय जीत हासिल की वो नि:संदेह लंबे अरसे तक याद रखी जाएगी।

उन्होंने कहा कि एक ओर हमारे जवान बेटे और बेटी देश का नाम ऊंचा कर रहे हैं लेकिन किसान-मजदूरों के लिए सरकार की बेरुखी से मन में टीस उठती है। उन्होंने कहा कि आठ महीने का लंबा अरसा बीतने और 600 से अधिक जानें जाने के बाद भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मन नहीं पसीजा है। उन्होंने कहा कि आने वाले सरकार को उसका ये रवैया काफी महंगा पड़ेगा। उन्होंने कहा कि हम कुछ मांग नहीं रहे बल्कि सरकार द्वारा थोपे गए तीनों कृषि कानून रद करने की आवाज उठा रहे हैं पर सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही।

संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर कितलाना टोल पर चल रहे धरने के 223वें दिन खाप सांगवान 40 के नरसिंह डीपीई, खाप श्योराण 25 के प्रधान बिजेंद्र बेरला, फौगाट खाप के प्रधान बलवन्त नम्बरदार, चौगामा खाप के मीरसिंह निमड़ीवाली, गंगाराम श्योराण, सुभाष यादव, रामफल देशवाल, फुला देवी, बिमला कितलाना, प्रेम शर्मा, मामकौर डोहकी ने संयुक्त रूप से अध्यक्षता की। धरने का मंच संचालन रणधीर घिकाड़ा ने किया। इस अवसर पर कामरेड ओमप्रकाश, मास्टर ताराचंद चरखी, सूरजभान सांगवान, सुरेन्द्र कुब्जानगर, आजाद सिंह अटेला, राजू मान, सत्यवान, सुरेंद्र तोशाम, जागेराम डीपीई, धर्मेन्द्र छपार, कालू फौगाट, संतोष देशवाल, सुशीला घणघस, प्रेम सांगवान, शमशेर सांगवान, पोपी, सत्यवान कालुवाला, जगदीश हुई, मास्टर कर्ण सिंह, सुरेश डोहकी, संजय मानकावास, महीपाल आर्य, सूबेदार सतबीर सिंह इत्यादि मौजूद थे।

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