कल की राष्ट्रव्यापी हड़ताल को लेकर किसान नेताओं की धरपकड़

जागरण संवाददाता भिवानी 26 नवंबर की राष्ट्रव्यापी हड़ताल को लेकर किसान नेताओं की धरपक

By JagranEdited By: Publish:Wed, 25 Nov 2020 07:23 AM (IST) Updated:Wed, 25 Nov 2020 07:23 AM (IST)
कल की राष्ट्रव्यापी हड़ताल को लेकर किसान नेताओं की धरपकड़
कल की राष्ट्रव्यापी हड़ताल को लेकर किसान नेताओं की धरपकड़

जागरण संवाददाता, भिवानी : 26 नवंबर की राष्ट्रव्यापी हड़ताल को लेकर किसान नेताओं की धरपकड़ हुई है। तोशाम और बहल से तीन किसान नेताओं को गिरफ्तार कर उनको अलग-अलग पुलिस थानों में ले जाया गया है। किसान नेताओं में भारतीय किसान यूनियन के युवा प्रदेश अध्यक्ष रवि आजाद, अखिल भारतीय किसान सभा तोशाम के अध्यक्ष करण सिंह जैनावास, रमेश पंघाल खरकड़ी माखवान को गिरफ्तार किया गया है। इससे किसानों में गुस्सा बना हुआ है। किसानों का कहना है कि इस तरह के प्रयास से आंदोलन कम नहीं होगा।

किसानों की माने तो भारतीय किसान यूनियन के युवा प्रदेश अध्यक्ष रवि आजाद को सीआइए पुलिस ने उनके घर से सुबह पांच बजे गिरफ्तार किया गया। इस प्रकार किसान नेता करण सिंह को सिवानी पुलिस ने उनके घर से सुबह चार बजे गिरफ्तार कर लिया। किसान नेताओं को बहल और सिवानी थाने में रखा गया है।

किसान नेत रवि आजाद ने बताया कि उनको सुबह घर से उठाया गया। अब बहल थाने में लाया गया है। उन्होंने कहा कि 26 नवंबर को दिल्ली कूच में किसान हजारों की संख्या में जाएंगे। किसानों के खिलाफ लाए गए तीन काले कानूनों के विरोध में किसानों में भारी गुस्सा बना हुआ है। इसके विरोध में किसान, कर्मचारी और दूसरे सभी संगठनों ने पूरी तैयारी की है और दिल्ली कूच एतिहासिक होगा। उनके अलावा भी प्रदेश में कई किसान नेताओं को गिरफ्तार किया गया है। किसान नेताओ की गिरफ्तारी पर गुस्सा एसयूसी आई कम्युनिस्ट के जिला सचिव कॉमरेड राजुमार जांगड़ा ने ऑल इंडिया किसान खेत मजदूर संगठन के प्रांतीय सचिव जयकरण मांडोठी एवं अन्य किसान नेताओं की पुलिस द्वारा की गई गिरफ्तारी की कड़े शब्दों में निदा की है। गौरतलब यह है की 26 नवंबर को केंद्रीय सरकार के 3 किसान विरोधी काले कानूनों के खिलाफ किसान समन्वय संघर्ष समिति के आह्वान पर किसान संगठनों का दिल्ली चलो अभियान को विफल करने के लिए पुलिस ने सरकार के इशारों पर यह गैर कानूनी एवं अलोकतांत्रिक कार्रवाई की है। कामरेड जांगड़ा ने कहा कि सरकार की जनविरोधी नीतियों एवं कानूनों का विरोध करना मौलिक अधिकार है, उसे किसी भी हालत में छीनने की आजादी नहीं दी जा सकती। दुख की बात है कि किसान नेताओं को पुलिस ने दवाई जैसी आवश्यक चीजों को भी नहीं लेने दिया। पुलिस की इस कार्रवाई से यह सिद्ध होता है कि कानून के राज की जगह जंगल का राज कायम होता जा रहा है। उन्होंने कहा कि 26 नवंबर को दिल्ली चलो कार्यक्रम को सफल हर हाल में किया जाएगा।

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