भूमि सुपोषण एवं संरक्षण में प्रत्येक नागरिक कर सहभागिता : प्रो. राजकुमार

जागरण संवाददाता भिवानी हमारे देश में भूमि की स्थिति चिताजनक है। कीटनाशकों फर्टिलाइजस

By JagranEdited By: Publish:Tue, 13 Apr 2021 09:41 AM (IST) Updated:Tue, 13 Apr 2021 09:41 AM (IST)
भूमि सुपोषण एवं संरक्षण में प्रत्येक नागरिक कर सहभागिता : प्रो. राजकुमार
भूमि सुपोषण एवं संरक्षण में प्रत्येक नागरिक कर सहभागिता : प्रो. राजकुमार

जागरण संवाददाता, भिवानी : हमारे देश में भूमि की स्थिति चिताजनक है। कीटनाशकों, फर्टिलाइजर्स एवं कैमिकल्स के अत्याधिक प्रयोग ने भूमि को प्रदूषित बना दिया है। अत्यंत शीघ्रता से हमें भूमि सुपोषण एवं संरक्षण संकल्पना प्रत्यक्ष धरातल पर कार्यान्वित करनी होगी। भूमि सुपोषण एवं संरक्षण में देश के प्रत्येक नागरिक की सहभागिता होना अनिवार्य है। यह विचार चौधरी बंसी लाल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर राजकुमार मित्तल ने कहे। उन्होंने कहा कि भूमि में अंधाधुंध उर्वरक, कीटनाशक और फर्टिलाइजर्स सहित विभिन्न प्रकार के कैमिकल्स का प्रयोग किया जा रहा है। इससे भूमि का उपजाऊपन तो समाप्त हो ही रहा है साथ ही भूमि प्रदूषित एवं विषैली बनती जा रही है। इसके दुष्परिणाम हमें कैंसर जैसी अनेक गंभीर बीमारियों के साथ-साथ अनेक कृषि समस्याओं के रूप में देखने को मिल रही हैं। उन्होंने कहा कि भूमि हमारी मां है और इसकी उर्वरक क्षमता और उपजाऊपन को बनाए रखना प्रत्येक किसान का ही नहीं बल्कि प्रत्येक नागरिक का भी नैतिक कर्तव्य है। अंधाधुंध कीटनाशकों, फर्टिलाइजर्स, केमिकल्स के प्रयोग से भूमि प्रदूषित एवं विषैली हो हुई है। भूमि जल स्तर निरंतर गिरता जा रहा है जोकि एक गंभीर चिता का विषय है। आज कृषि भूमि की उपजाऊ क्षमता को बनाए रखने में सहायक मनुष्य के मित्र कीट समाप्त होते जा रहे हैं, जिसके कारण उत्पादन क्षमता भी प्रभावित हो रही है। उन्होंने बताया कि स्वदेशी जागरण मंच और चौधरी बंसी लाल विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में कल दिनांक 13 अप्रैल को विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिए गए सभी पांच गांव जिनमें प्रेमनगर, निनाण, पालुवास, हालुवास, दिनोद, जटेला धाम माजरा, विश्वविद्यालय के नये परिसर में भूमि सुपोषण एवं भूमि संरक्षण (भूमि पूजन) कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे। उन्होंने बताया कि इन कार्यक्रमों में विश्वविद्यालय की ओर से बतौर कुलपति वे खुद और कुलसचिव सहित डीन एवं कई प्राध्यापक साथी कार्यक्रमों में भाग लेंगे और ग्रामीणों को भूमि सुपोषण एवं भूमि संरक्षण की शपथ दिलाएंगे। इस अवसर पर किसानों द्वारा अपने अपने खेतों लाई गई मिट्टी का पूजन किया जाएगा।

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