डिप्टी सीएम की घोषणा के सात माह बाद भी दादरी में स्थापित नहीं हो सकी कोरोना टेस्टिग लैब

प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के प्रस्ताव पर स्वास्थ्य मंत्री अनिल ि

By JagranEdited By: Publish:Tue, 20 Apr 2021 08:20 AM (IST) Updated:Tue, 20 Apr 2021 08:20 AM (IST)
डिप्टी सीएम की घोषणा के सात माह बाद भी दादरी में स्थापित नहीं हो सकी कोरोना टेस्टिग लैब
डिप्टी सीएम की घोषणा के सात माह बाद भी दादरी में स्थापित नहीं हो सकी कोरोना टेस्टिग लैब

सचिन गुप्ता, चरखी दादरी : प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के प्रस्ताव पर स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज द्वारा स्वीकृति दिए जाने के करीब सात महीने बाद भी दादरी जिले में कोरोना सैंपल की जांच के लिए लैब शुरू नहीं हो सकी है। दादरी जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोरोना टेस्टिग लैब के लिए कुछ माह पहले ही प्रपोजल बनाकर उच्च अधिकारियों को भेजा जा चुका है। लेकिन अभी तक प्रपोजल को मंजूरी नहीं मिली है। जिसके चलते स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोरोना सैंपलों को जांच के लिए अन्य जिलों में भेजा जा रहा है। अन्य जिलों में स्थित लैब से सैंपल की रिपोर्ट आने में कई बार देरी हो जाती है। जिसके कारण सैंपल देने वाले लोगों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

बता दें कि पिछले कुछ दिनों से कोरोना वायरस संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। जिसके चलते स्वास्थ्य विभाग द्वारा वैक्सीनेशन के साथ-साथ सैंपल लेने पर भी जोर दिया जा रहा है। कोरोना के लक्षण महसूस होने पर, यात्रा करने तथा नौकरी ज्वाइन करने के लिए भी लोग अपने स्तर पर अस्पतालों में आकर कोरोना की जांच करवा रहे हैं। लेकिन दूसरे जिलों में जांच के लिए सैंपल भेजने पर लोगों को समय पर रिपोर्ट नहीं मिल रही है। काफी संख्या में लोग कंट्रोल रुम में फोन कर रिपोर्ट के बारे में पता करते है। समय पर रिपोर्ट न आने पर कई लोगों को नौकरी ज्वाइन करने में भी परेशानी होती है। वहीं रिपोर्ट आने में देरी के चलते समय पर कोरोना संक्रमित के बारे में पता नहीं चल पाता। जिसके कारण कोरोना वायरस संक्रमण फैलने का खतरा भी बढ़ जाता है। पीजीआइ लैब में रोजाना भेजे जाते हैं 500 सैंपल

दादरी जिले में पिछले कुछ दिनों से हर रोज करीब 600 सैंपल लिए जा रहे हैं। इन सैंपलों को जांच के लिए रोहतक पीजीआइ स्थित लैब में भेजा जाता है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार पहले पीजीआइ लैब में हर रोज अधिकतम 600 सैंपल जांच के लिए भेजे जा सकते थे। लेकिन हाल ही में पीजीआइ द्वारा इस संख्या को घटाकर 500 कर दिया है। जिसके चलते 500 से अधिक एकत्रित होने वाले सैंपल को खानपुर स्थित बीपीएस मेडिकल कालेज में भेजा जाता है। पीजीआइ व बीपीएस मेडिकल कालेज स्थित लैब में दादरी के अलावा अन्य जिलों से भी सैंपल जांच के लिए भेजे जाते हैं। ऐसे में कई बार वहां पर कार्यभार अधिक होने के कारण सैंपल की रिपोर्ट आने में काफी समय लग जाता है। हाल ही में जिला स्वास्थ्य विभाग को रेवाड़ी स्थित लैब में भी सैंपल भेजने की अनुमति मिली है। सितंबर में डिप्टी सीएम ने की थी मांग

गौरतलब है कि उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला बीती 25 सितंबर को चौ. देवीलाल की जयंती के अवसर पर दादरी आए थे। इस दौरान उन्होंने दादरी के लघु सचिवालय में वीडियो कांफ्रेंस के जरिए स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज से बात करते हुए दादरी के सरकारी अस्पताल में कोरोना टेस्टिग लैब स्थापित करने की मांग की थी। स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज व अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा ने वीडियो कांफ्रेंस के दौरान ही इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया था। लैब स्थापित होने पर मिलेगा फायदा

उल्लेखनीय है कि दादरी के नागरिक अस्पताल में ही कोरोना टेस्टिग लैब स्थापित होने से स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ नागरिकों को भी फायदा मिलेगा। यहां पर लैब बनने के बाद विभाग द्वारा सैंपलों को जांच के लिए अन्य जिलों में नहीं भेजना पड़ेगा। जिससे ट्रांसपोर्टेशन खर्च कम होने के साथ ही सैंपल भी सुरक्षित रह सकेंगे। वहीं लोगों को भी एक दिन में कोरोना जांच रिपोर्ट मिल सकेगी। भेजा जा चुका है प्रपोजल : डा. सुदर्शन

दादरी के सिविल सर्जन डा. सुदर्शन पंवार ने बताया कि दादरी में कोरोना टेस्टिग लैब स्थापित करवाने के लिए प्रपोजल बनाकर उच्च अधिकारियों को भेजा गया था। जिसे मंजूरी नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि बाद में रिमाइंडर भी भेजा गया है। डा. सुदर्शन ने कहा कि प्रपोजल को मंजूरी मिलते ही जिले में लैब स्थापित करने की आगामी कार्यवाही शुरू कर दी जाएगी।

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