सूरत ए हाल : 36 घंटे बाद भी नहीं हो सकी मामूली वर्षा से भरे पानी की निकासी, दिनभर भारी दिक्कतों से जूझते रहे लोग
दादरी शहर में स्थानीय प्रशासन जनस्वास्थ्य विभाग सरकार चाहे वर्षा के दिनों में पानी की निकासी के कितने भी दावे करे लेकिन जमीनी हकीकत कुछ ओर ही नजर आती है।
जागरण संवाददाता, चरखी दादरी :
दादरी शहर में स्थानीय प्रशासन, जनस्वास्थ्य विभाग, सरकार चाहे वर्षा के दिनों में पानी की निकासी के कितने भी दावे करे लेकिन जमीनी हकीकत कुछ ओर ही नजर आती है। अधिक वर्षा अथवा औसत वर्षा में हालात क्या होंगे इसके बारे में तो फिलहाल अनुमान लगाना मुमकिन है लेकिन मामूली बरसात में ही स्थिति कितनी गंभीर हो जाती है इसका नजारा रविवार और सोमवार को दिखाई दिया। शनिवार रात को व सोमवार सुबह दादरी जिले में केवल 15 एमएम से भी कम औसत वर्षा हुई थी। दादरी शहर में यह आंकड़ा इससे भी कुछ कम ही था। इतनी मामूली व शुरुआती वर्षा में नगर के कई भागों में जलभराव के चलते भारी परेशानियां बनी रही। वर्षा थमने के 36 घंटे बाद भी सोमवार देर सायं तक कई भागों में वर्षा के पानी की निकासी नहीं हो पाई थी। वहां न केवल आवागमन प्रभावित हो रहा था बल्कि साथ लगते बाजारों के दुकानदारों को बेहद दिक्कतों का सामना करना पड़ा। ऐसे ही ²श्य दादरी नगर में अग्रसेन धर्मशाला के सामने दिल्ली रोड चौराहे, मेजर अमीर सिंह तिकोना पार्क, फोरलेन के पास बैंक शाखाओं के सामने, चरखी गेट क्षेत्र, बस स्टैंड के पीछे की कालोनियों इत्यादि स्थानों पर दिखाई दिया। अग्रसेन धर्मशाला के सामने मुख्य दिल्ली मार्ग व तिकोना पार्क के साथ वाहन चालक व सड़क से गुजरने वाले राहगीर भी पानी के बीच से गुजरते दिखाई दिए। यहां मुख्य मार्ग गंदे पानी के तालाब में बदला नजर आया। जब भी कोई यहां से तेज गति से गुजरता तो पानी की लहरें दूर दूर तक फैल रही थी। इसी प्रकार के हालात शहर के दूसरे हिस्सों में भी दिखाई दिए। सीवरेज सिस्टम नकारा होने से परेशानियां
दादरी नगर में केवल किसी एक स्थान पर ही नहीं बल्कि दर्जनों घनी जनसंख्या वाली बस्तियों, कालोनियों, बाजारों, मुख्य मार्गों इत्यादि पर पिछले काफी समय से सीवरेज सिस्टम पूरी तरह नकारा हो चुका है। अक्सर सड़क के बाहर पंप व मोटरें लगाकर अस्थाई तौर पर यहां गंदे पानी की निकासी की जाती है। उसके बाद स्थिति पहली की तरह बन जाती है। सीवरेज सिस्टम ठप होने से सामान्य दिनों में ही लोग दूषित जलभराव की दिक्कतों से जूझते रहते हैं। मामूली वर्षा होने पर हालत ओर भी गंभीर हो जाती है। ऐसी ही परिस्थितियों से लोगों को रविवार व सोमवार को रूबरू होना पड़ा।
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मानसून को लेकर बढ़ी चिताएं
मामूली वर्षा होने पर ही दादरी नगर के विभिन्न भागों में वर्षा के पानी की निकासी न होने से जो परिस्थितियां बन जाती हैं उनको देखते हुए आमजन में मानसून को लेकर चिताएं बढ़ना स्वाभाविक हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि नाममात्र की 10 एमएम वर्षा में ही शहर के हालात बिगड़ जाते हैं तो औसत अथवा औसत से थोड़ी अधिक बरसात होने पर क्या हालात होंगे इसका अनुमान सहज ही लगाया जा सकता है। आज भी यहां के लोगों के जहन में सन 1995 के सितंबर माह के पहले सप्ताह में औसत से थोड़ी अधिक वर्षा होने पर बाढ़ जैसे बने हालातों, उससे हुई व्यापक तबाही की यादें उभर जाती हैं।