सड़कों पर जगह-जगह डेंजर प्वाइंट्स, ब्लैक स्पॉट्स बने हादसों के सबब

जिले में हर वर्ष सड़क दुर्घटनाओं में दर्जनों की संख्या में ल

By JagranEdited By: Publish:Fri, 27 Nov 2020 08:29 PM (IST) Updated:Fri, 27 Nov 2020 08:29 PM (IST)
सड़कों पर जगह-जगह डेंजर प्वाइंट्स, ब्लैक स्पॉट्स बने हादसों के सबब
सड़कों पर जगह-जगह डेंजर प्वाइंट्स, ब्लैक स्पॉट्स बने हादसों के सबब

जागरण संवाददाता, चरखी दादरी : जिले में हर वर्ष सड़क दुर्घटनाओं में दर्जनों की संख्या में लोग मौत का शिकार हो जाते हैं तथा काफी लोग घायल या दिव्यांग भी हो जाते हैं। इन हादसों का एक मुख्य कारण जिले में कई सड़कों पर बनें डेंजर प्वाइंट्स व ब्लैक स्पॉट भी हैं। जिले में कई जगहों पर बनें डेंजर प्वाइंट्स व ब्लैक स्पॉट्स पर भी थोड़े-थोड़े समय के अंतराल में हादसे होते रहते हैं। करीब एक वर्ष पहले रोड सेफ्टी एसोसिएट द्वारा जिले में कुछ ऐसी जगहों को चिह्नित किया गया था, जहां पर हादसों का खतरा अधिक है। साथ ही रोड सेफ्टी एसोसिएट द्वारा यहां पर हादसों में कमी लाने के लिए सुझाव भी दिए थे। हैरानी की बात यह है कि एक वर्ष का समय बीतने के बावजूद उन सुझावों पर अमल नहीं किया गया है। जिसका नतीजा यह हुआ कि वे स्थान अभी भी डेंजर प्वाइंट्स बने हुए हैं। आगामी दिनों में होने वाली धुंध में यहां हादसे होने का खतरा और अधिक बढ़ जाता है।

रोड सेफ्टी एसोसिएट की रिपोर्ट के अनुसार दादरी के रावलधी बाइपास, दिल्ली रोड टी प्वाइंट, घिकाड़ा रोड चौक इत्यादि को डेंजर प्वाइंट बताया गया था। साथ ही गांव समसपुर मोड़, लोहरवाड़ा गांव के समीप, गांव चरखी के अड्डे पर, बाढड़ा का मुख्य चौक, बौंद कलां इत्यादि ब्लैक स्पॉट्स निर्धारित किए गए थे। रावलधी बाईपास पर नहीं है चौराहा

दादरी के भिवानी रोड से रावलधी गांव की तरफ बनाए गए बाइपास से हर रोज काफी संख्या में भारी वाहन गुजरते हैं। इस रोड पर पड़ने वाले रावलधी बाइपास पर कोई भी चौराहे का निर्माण नहीं हुआ है। न ही यहां पर ट्रैफिक लाइटें हैं। जिस कारण यहां से वाहन बेतरतीब ढंग से गुजरते है। कई बार चारों दिशाओं से वाहन आने पर यहां जाम की स्थिति बन जाती है तथा हादसों का खतरा भी बना रहता है। दिल्ली रोड टी-प्वाइंट पर हादसों का अंदेशा

दादरी के दिल्ली रोड टी प्वाइंट पर भी सड़क के बीच में कोई चौक व ट्रैफिक लाइटें न होने से तीन तरफ से आने वाले वाहन अव्यव्सि्थत तरीके से गुजरते है। टी प्वाइंट पर सड़क भी जर्जर हाल में है। ऐसे में यहां भी हादसों का अंदेशा बना रहता है। घिकाड़ा रोड चौक भी खतरनाक

नेशनल हाईवे 148बी से रावलधी बाइपास की तरफ जाने वाले मार्ग से एक रास्ता गांव घिकाड़ा व अन्य गांवों की तरफ जाता है। जिसके चलते यहां पर एक चौराहा बनता है। हालांकि यहां पर स्पीड ब्रेकर बनाया गया है। लेकिन सड़क जर्जर होने के कारण उड़ने वाली धूल में कई बार दूसरी तरफ से आ रहे वाहन दिखाई न देने से सड़क दुर्घटनाओं का खतरा रहता है। उदासीन कार्यशैली के चलते नहीं किए प्रयास

करीब एक वर्ष पहले इन डेंजर प्वाइंट्स व ब्लैक स्पॉट्स पर हादसों में कमी लाने के लिए कुछ जगहों पर ट्रैफिक लाइटें, बैरिकेट्स, स्पीड ब्रेकर इत्यादि बनाने के सुझाव रोड सेफ्टी एसोसिएट द्वारा दिए गए थे। उस समय दादरी के रावलधी बाइपास, भगवान परशुराम चौक तथा लोहारू चौक पर ट्रैफिक लाइटें लगवाने की योजना भी बनाई जा रही थी। लेकिन संबंधित विभागों की उदासीनता के चलते एक वर्ष का समय बीतने के बाद भी इन जगहों पर हादसों में कमी लाए जाने के लिए धरातल पर प्रयास नहीं किए गए हैं।

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