जिले में शुरू नहीं हुई घर-घर कूड़ा उठान योजना

चरखी दादरी: अगले माह होने वाले स्वच्छता सर्वेक्षण में दादरी जिले की रैं¨कग

By JagranEdited By: Publish:Sat, 08 Dec 2018 11:42 PM (IST) Updated:Sat, 08 Dec 2018 11:42 PM (IST)
जिले में शुरू नहीं हुई घर-घर कूड़ा उठान योजना
जिले में शुरू नहीं हुई घर-घर कूड़ा उठान योजना

जागरण संवाददाता, चरखी दादरी: अगले माह होने वाले स्वच्छता सर्वेक्षण में दादरी जिले की रैं¨कग को झटका लग सकता है। इसका मुख्य कारण है कि अभी तक घर-घर से कूड़ा उठान की योजना शुरू नहीं हो सकी है। हालत यह है कि नगर परिषद के अधीन कुल 21 वार्ड हैं और घर-घर से कूड़ा उठाने के लिए मात्र छह गाड़ियां नगर परिषद के पास हैं।

योजना शुरू न होने से लोग शहर की सड़कों पर खुले स्थान में कूड़ा डाल रहे हैं। जिसे बेसहारा पशु उसे इधर-उधर फैला रहे हैं। जनवरी माह में शहरी क्षेत्र का स्वच्छता सर्वेक्षण किए जाने की घोषणा सरकार कर चुकी है। जिसके लिए नगर परिषद को विभिन्न मानकों से गुजरना होगा। इसमें मुख्यत: घर-घर से कूड़ा उठान, शहर में सफाई की स्थिति, नगर परिषद द्वारा लोगों की शिकायतों के निस्तारण की स्थिति, कूड़ा निस्तारण की स्थिति आदि पर नगर परिषद को नंबर दिए जाने हैं।

स्वच्छता सर्वेक्षण में करीब एक माह का ही समय शेष है, लेकिन अभी तक नगर परिषद सर्वेक्षण के लिए आवश्यक मानकों में काफी पिछड़ रही है। न तो अभी तक घर-घर से कूड़ा उठान की योजना शुरू की गई है और न ही कचरा प्रबंधन इत्यादि की कोई व्यवस्था की गई है। जिसके चलते नगर परिषद के स्वच्छता सर्वेक्षण में पिछड़ने की संभावना बनी हुई हैं। हालांकि असलियत का पता तो सर्वेक्षण की रिपोर्ट आने के बाद ही पता चल सकेगा। लेकिन योजना के शुरू न होने के चलते खुले में पड़ा कचरा लोगों के लिए मुसीबत बन रहा है।

नप के पास नहीं पर्याप्त इंतजाम कूड़ा उठाने के लिए पर्याप्त इंतजाम नगर परिषद के पास नहीं है, साथ ही लोग भी नगर परिषद की काफी मुश्किलें बढ़ा रहे हैं। हालत यह है कि लोग घरों से कूड़ा इकट्ठा कर पॉलीथिन में भरकर खुले में फेंक जाते हैं। इससे न केवल गंदगी फैलती है, बल्कि राहगीरों को भी बदबू का सामना करना पड़ता है। साथ ही बेसहारा पशु कूड़े के ढेर को इधर-उधर फैला देते हैं। जिससे स्थिति काफी विकट हो रही है।

21 वार्डो के लिए मात्र छह गाड़ियां दादरी नगर परिषद के सभी 21 वार्डो में घर-घर से कूड़ा उठान के लिए मात्र छह गाड़ियां नगर परिषद के पास हैं। जबकि योजना को सफल बनाने के लिए करीब 15 गाड़ियों की आवश्यकता है। आधे से भी कम गाड़ियां होने और लोगों के गैर जिम्मेदाराना व्यवहार से नगर परिषद के अफसर शहर को साफ नहीं बना पा रहे हैं।

लोग भी समझे जिम्मेदारी शहर को साफ व स्वच्छ रखना केवल सरकारी अफसरों की जिम्मेदारी नहीं है। बल्कि लोगों को भी इसमें सहयोग करना होगा। तब ही शहर स्वच्छ हो सकेगा। लोगों को भी अपनी जिम्मेदारी समझते हुए खुले में कूड़ा डालने के बजाए एक नियत स्थान पर नियमानुसार कूड़ा डालना होगा। जिससे कूड़ा इधर-उधर न फैले और शहर की स्वच्छता पर भी दाग न लगे।

लगातार किए जा रहे हैं प्रयास: ईओ दादरी नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी डा. विजय पाल यादव ने बताया कि स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए हर संभव तैयारियां की जा रहीं हैं। जितने संसाधन हैं उनसे बेहतर से बेहतर कार्य करने और लोगों को सेवाएं देने की कोशिश की जा रही है। कर्मचारियों और संसाधनों की कमी को दूर करने के लिए सरकार से मांग की जा रही है।

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