सीएचसी-पीएचसी से डाक्टरों को डेपुटेशन पर सिविल अस्पताल बुलाया, एक डाक्टर के सहारे अस्पताल

कोरोना काल के दौरान तहसील मुख्यालय पर स्थित कस्बे का नागरिक अस्पताल इन दिनों चिकित्सकों की कमी से जूझ रहा है। हालत यह है कि कोरोना काल के चलते यहां पर कार्यरत पांच चिकित्सा अधिकारी व एक मेडिकल अधिकारी को भिवानी के नागरिक अस्पताल भेज दिया गया है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 08 May 2021 06:11 AM (IST) Updated:Sat, 08 May 2021 06:11 AM (IST)
सीएचसी-पीएचसी से डाक्टरों को डेपुटेशन पर सिविल अस्पताल बुलाया, एक डाक्टर के सहारे अस्पताल
सीएचसी-पीएचसी से डाक्टरों को डेपुटेशन पर सिविल अस्पताल बुलाया, एक डाक्टर के सहारे अस्पताल

राजेश कादियान, बवानीखेड़ा : कोरोना काल के दौरान तहसील मुख्यालय पर स्थित कस्बे का नागरिक अस्पताल इन दिनों चिकित्सकों की कमी से जूझ रहा है। हालत यह है कि कोरोना काल के चलते यहां पर कार्यरत पांच चिकित्सा अधिकारी व एक मेडिकल अधिकारी को भिवानी के नागरिक अस्पताल भेज दिया गया है। ये सभी चिकित्सक अब भिवानी के नागरिक अस्पताल में सेवाएं दे रहे हैं। फिलहाल बवानीखेड़ा में केवल एसएमओ के पद पर डा. राज दिशोदिया ही अस्पताल का बोझ अपने कंधों पर उठाए हुए हैं। वे अकेले ही अस्पताल में रह कर सामान्य ओपीडी के साथ-साथ कोरोना के मरीजों को भी दवा देने का कार्य कर रहे हैं। इसके साथ-साथ वे डाक के कार्य में भी उलझे रहते हैं।

हालात यह है कि इस अस्पताल में रोजाना अन्य बीमारियों से ग्रस्त सैकड़ों लोग उपचार के लिए आ रहे हैं। इसके साथ-साथ होम आइसोलेशन पर रखे गए 50 से अधिक मरीजों को भी यहीं से दवा दी जा रही है। इसके अलावा अस्पताल में कोरोना मरीजों के आइसोलेशन वार्ड भी नहीं बनाया गया है। इसके चलते कोरोना के गंभीर मरीजों को भिवानी के नागरिक अस्पताल ही रेफर किया जा रहा है। यहां पर ऑक्सीजन की भी व्यवस्था नहीं है। यह अस्पताल आस-पास के दर्जनों गांवों का केंद्र बिदू है। जहां कोरोना काल व वायरल बुखार के चलते यहां पर और अधिक चिकित्सकों की आवश्यकता थी लेकिन विडंबना वाली बात यह है कि यहां कार्यरत 6 चिकित्सकों को भिवानी भेज दिया गया है। इसके चलते मरीजों को इलाज के लिए काफी इंतजार करना पड़ता है या उन्हें निजी अस्पतालों में जाने को विवश होना पड़ रहा है। नपा चेयरपर्सन कांता किरण ओड ने अस्पताल प्रशासन के उच्च अधिकारियों से जल्द ही यहां से भिवानी भेजे गए चिकित्सकों को वापस यहीं पर लाने की मांग की है। अगर प्रशासन जल्द ही इस व्यवस्था को पुन: चालू नहीं करता है तो कस्बावासी आंदोलन करने का भी मन बना रहे हैं।

सांसद बृजेन्द्र सिंह ने उपायुक्त को लिखा पत्र

सांसद बृजेन्द्र सिंह ने भी इस मामले को गंभीरता से लिया है और चिकित्सकों की कमी को पूरा करने के लिए जिला उपायुक्त को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि नागरिक अस्पताल में चिकित्सकों की कमी मरीजों पर भारी पड़ रही है। इसलिए जिला प्रशासन जल्द ही इस व्यवस्था को पुन: लागू करे और यहां पर एंबुलेंस सेवा को भी पुन: बाहल किया जाए।

एसएमओ डा. राज दिशोदिया ने बताया कि विभाग के उच्च अधिकारियों के आदेश पर यहां पर कार्यरत पांच चिकित्सा अधिकारी व एक आयुर्वेदिक अधिकारी को भिवानी के नागरिक अस्पताल भेजा गया है। उन्होंने कहा कि फिलहाल अस्पताल में वे अकेले रह कर मरीजों का इलाज कर रहे हैं।

पार्षद ने किया सामान्य अस्पताल का दौरा

बवानी खेड़ा : बवानीखेड़ा की पार्षद मीना चोपड़ा सिधु द्वारा सामान्य अस्पताल का दौरा किया गया। जिसमें बवानीखेड़ा के सामान्य अस्पताल में एक ही डाक्टर एसएम की ड्यूटी पाई गई। जिसमें बताया गया कि बाकी स्टाफ को कोरोना संक्रमण के कारण भिवानी लगा दिया गया है। वही महिला वार्ड का निरीक्षण भी किया , मीना चौपड़ा सिधू,पार्षद रमेश काजल ने सामूहिक तौर से कहा कि कस्बा में कोरोना संक्रमितों की संख्या तीव्रता से बढ़ रही है,जो की सौ का आंकड़े को छूने वाली है। वही प्रशासन से जल्द से जल्द स्टाफ की कमी को दूर करने का आग्रह किया गया।

बवानी खेड़ा पीएचसी में नहीं डाक्टर, ऑक्सीजन भी उपलब्ध नहीं

संवाद सहयोगी, बवानीखेड़ा : क्षेत्र के तहत आने वाली सीएचसी व पीएचसी में कोरोना के मरीजों को दाखिल करने की कोई भी सुविधा नहीं है। कई पीएचसी में तो चिकित्सक तक उपलब्ध नहीं हैं। इन चिकित्सकों को स्वास्थ्य विभाग ने भिवानी के नागरिक अस्पताल भेज दिया है। फिलहाल कई पीएचसी सेंटरों की व्यवस्था राम भरोसे ही चल रही है। जानकारी के मुताबिक जमालपुर सीएचसी में कोरोना से ग्रस्त लोगों के उपचार के लिए सुविधा दी जा रही है। इसके साथ-साथ यहां पर ऑक्सीजन भी उपलब्ध है। हालांकि सीएचसी में फिलहाल एक चिकित्सक कार्यरत है जबकि दूसरे चिकित्सक के कोरोना पॉजिटिव होने से उन्हें होम आइसोलेशन पर रखा गया है। इसी प्रकार पीएचसी सुई में फिलहाल एक चिकित्सक कार्यरत है यहां पर कोरोना के मरीजों के लिए बेडों की व्यवस्था नहीं है और न ही ऑक्सीजन का प्रबंध है। यहां पर होम आइसोलेशन पर रखे गए मरीजों को दवा पहुंचाने का कार्य किया जाता है। इसी प्रकार पीएचसी तालु में कोई भी चिकित्सक कार्यरत नहीं है और न ही ऑक्सीजन की सुविधा है। यहां पर होम आइसोलेशन पर रखे गए कोरोना के मरीजों को दवा पहुंचाने का कार्य अवश्य ही किया जाता है। इसी प्रकार गांव पुर स्थित पीएचसी में कार्यकर चिकित्सकों को भी इन दिनों भिवानी के नागरिक अस्पताल भेज दिया गया है। यहां पर भी कोरोना के मरीजों के लिए बेडों की व्यवस्था नहीं है केवल होम आइसोलेशन पर भेजे गए मरीजों को दवा पहुंचाने का कार्य किया जाता है। इसी प्रकार गांव अलखपुरा स्थित पीएचसी में कार्यरत चिकित्सक को भी भिवानी के नागरिक अस्पताल में भेजा गया हैं। यहां के मरीजों के लिए न ही तो बेड की और न ही ऑक्सीजन की व्यवस्था है। यहां के होम आइसोलेशन पर रखे गए कोरोना मरीजों को दवाई पहुंचाने का कार्य अवश्य ही किया जाता है।

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