टोकन देने के बावजूद कपास की खरीद नहीं करने पर किसानों ने जताया रोष, जमकर नारेबाजी की, अनाज मंडी में दूर दूर तक लगी वाहनों की कतारें
दादरी अनाज मंडी में कपास की सरकारी खरीद शुरू हुए करीब द
जागरण संवाददाता, चरखी दादरी: दादरी अनाज मंडी में कपास की सरकारी खरीद शुरू हुए करीब दो सप्ताह का समय हुआ है। इस दौरान किसानों को कई बार कपास की खरीद नहीं किए जाने पर किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ा है। काटन कारपोरेशन आफ इंडिया के प्रतिनिधियों द्वारा शनिवार, रविवार को कपास की खरीद नहीं की जाती है।लेकिन दर्जनों किसानों को शनिवार की खरीद के लिए एडवांस टोकन जारी किए जाने के कारण किसान मंडी पहुंच गए थे। जहां खरीद नहीं होने पर किसानों ने सरकार, प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर रोष जताया व मार्केट कमेटी कार्यालय के समक्ष धरना देकर कपास की खरीद करने की मांग की। किसानों द्वारा कई घंटों के इंतजार के बाद शाम को करीब चार बजे कपास की खरीद की गई जिसके बाद किसानों ने राहत की सांस ली।उल्लेखनीय है कि दादरी अनाज मंडी में एमएसपी पर कपास की खरीद 12 अक्टूबर से शुरू हो पाई थी। खरीद शुरू होने के दो दिन बाद ही काफी संख्या में किसान फसल लेकर मंडी पहुंचने लगे थे। किसानों की भीड़ को देखते हुए सीसीआइ के कपास परचेजर ने मार्केट कमेटी सचिव को पत्र लिखकर सीमित संख्या में किसानों को मंडी बुलाए जाने की मांग की थी। उसके बाद से किसानों को एडवांस टोकन जारी कर उसी के आधार पर एक दिन में एक सौ किसानों को मंडी बुलाए जाने का निर्णय लिया गया था। उसके बाद से पंजीकृत किसानों को टोकननंबर, खरीद की तारीख आदि दी गई। उसी के तहत 40 किसानों को कपास खरीद के लिए शनिवार का दिन दिया गया था। लेकिन कपास परचेजर मंडी पहुंचे ही नहीं।जिसके कारण खरीद शुरू नहीं हो पाई और मंडी पहुंचे किसानों ने रोष जताया। इस दौरान भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारी भी मंडी पहुंच गए जिसके बाद उन्होंने मार्केट कमेटी कार्यालय के सामने धरना शुरू कर दिया व सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर मंडी पहुंचे किसानों से कपास की खरीद करने की मांग की।उसके बाद मार्केट कमेटी सचिव ने सीसीआइ के कपास परचेजर से बात कर उन्हेंमंडी बुलाया व खरीद शुरू करवाई। इस अवसर पर भाकियू जिलाध्यक्ष जगबीरघसौला, रविद्र कुमार, सीटू मैहड़ा, सुनील घसौला, रणबीर, अजय कुमार,सोनूइत्यादि मौजूद थे।बाक्स:
नौ दिन पहले दिए थे टोकन
फसल लेकर मंडी पहुंचे किसान प्रदीप, सुनील, नसीब, संदीप, यादवेंद्र इत्यादि ने कहा कि उन्होंने 16 अक्टूबर को कपास बेचने के लिए एडवांस टोकन लिया था। उनके टोकन पर कपास खरीद के लिए 24 अक्टूबर की तारीख लिखी गई थी। उसी के तहत वे शनिवार को अल सुबह ही कपास लेकर मंडी पहुंच गए थे।उन्होंने कहा कि वे किराए पर वाहन लेकर मंडी पहुंचे थे लेकिन उन्हें कपास खरीद के लिए काफी इंतजार करना पड़ा है। उन्होंने कहा कि किसानों को मंडी बुलाकर खरीद से मना कर दिया गया जिससे उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा है।
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पहले भी किसानों को उठानी पड़ी हैं परेशानी
कपास खरीद के दौरान किसानों के समक्ष कई बार परेशानियां आ चुकी है। इससे पहले 15 अक्टूबर को अधिक संख्या में किसान पहुंचने के बाद सीसीआइ प्रतिनिधियों ने 16 अक्टूबर को कपास की खरीद नहीं करने का निर्णय लियाथा। लेकिन उस दिन भी किसान कपास लेकर मंडी पहुंच गए थे और कपास की खरीद के लिए शाम तक का इंतजार करना पड़ा था। उसके बाद सीसीआइ द्वारा उस दिन के बदले 19 अक्टूबर को खरीद नहीं करने की बात कही गई। लेकिन 19 को भी किसान मंडी पहुंच गए और काफी इंतजार के बाद खरीद शुरू होने के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ा। इसके अलावा 20 अक्टूबर को पहले खरीद संबंधी सर्वर नहीं चल पाने व बाद में मंडी गेट पर ताला बंद होने के कारण तो शनिवार को मंडी बुलाए जाने के बाद खरीद करने से इंकार करने पर किसानों को परेशानियों से दो चार होना पड़ा।
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संदीप श्योराण।