नीमड़ीवाली के ग्रामीणों की मांग पूरी नहीं हुई तो कल पंचायत में लेंगे कड़ा फैसला

बिना मुआवजा दिए किसानों के खेतों में टावर लगाए जाने के विरोध में

By JagranEdited By: Publish:Fri, 17 Sep 2021 08:57 PM (IST) Updated:Fri, 17 Sep 2021 08:57 PM (IST)
नीमड़ीवाली के ग्रामीणों की मांग पूरी नहीं हुई तो कल पंचायत  में लेंगे कड़ा फैसला
नीमड़ीवाली के ग्रामीणों की मांग पूरी नहीं हुई तो कल पंचायत में लेंगे कड़ा फैसला

जागरण संवाददाता, भिवानी : बिना मुआवजा दिए किसानों के खेतों में टावर लगाए जाने के विरोध में तीन माह से भी अधिक समय से धरने पर बैठें निमड़ीवाली के किसानों ने स्पष्ट चेतावनी दी कि शनिवार तक उनकी मांगें नहीं मानी गई तो रविवार को किसान पंचायत कर कड़ा निर्णय लेंगे। अब निमड़ीवाली का किसान आरपार की लड़ाई के मूड में हैं तथा अपना हक पाने के लिए कोई भी कुर्बानी तक देने को तैयार हैं।

यह बात भाकियू जिला अध्यक्ष राकेश आर्य ने गांव निमड़ीवाली में जारी किसानों के धरने को संबोधित करते हुए कही। गौरतलब है कि हरियाणा बिजली वितरण निगम द्वारा किसानों को बिना मुआवजा दिए उनके खेतों में जबरदस्ती टावर लगाए जा रहे हैं। इसके विरोध में निमड़ीवाली के किसान धरने पर बैठे हैं। इसी कड़ी में शुक्रवार को निमड़ीवाली के किसानों का धरना 93वें दिन भी जारी रहा तथा धरने की अध्यक्षता राजेंद्र सिंह डोहकी, जेई रामअवतार शर्मा, सुमेर शर्मा नंदगांव, तेज सिंह गिल, प्रकाश सिंहमार, सतबीर जांगड़ा, राजेश वाल्मिकी ने की। राकेश आर्य ने कहा कि मुआवजे की मांग को लेकर करीब एक माह तक आमरण अनशन पर बैठे किसानों को स्वयं विधायक ने मांग पूरी किए जाने का आश्वासन देकर अनशन से उठाया था। इसके बावजूद भी सरकार अपने ही विधायकों के आश्वासन को झुठलाने में जुटी हुई है।

उन्होंने कहा कि अब किसान आर-पार की लड़ाई के मूड में है। अगर शनिवार तक किसानों की मांगों का नहीं माना गया तो रविवार को आंदोलन की रूप रेखा तैयार कर सरकार के खिलाफ संघर्ष का बिगुल फूंका जाएगा। किसानों को प्रति टावर 30 लाख रुपये तथा जिसके खेत से बिजली की लाइन जा रही है, उसे प्रति एकड़ 25 लाख रुपये मुआवजा या प्रति माह का किराया दिया जाना चाहिए। शुक्रवार को क्रमिक अनशन पर कुलबीर बोहरा, प्रदीप सिंहमार, वीरभान गिल, ईश्वर प्रजापत, छाजूराम धानक रहे। इस अवसर पर राजबीर दहिया, धर्मेंद्र प्रजापत, विनोद फौगाट, समुंद्र सिंहमार, जोरा प्रजापत, नरसिंह, शशी गिल, रामनिवास यादव, राजकुमार सिंहमार, ढिल्लू पंच, विष्णू शर्मा, बिजेंद्र सिंहमार, हंशराज गुलिया सहित अनेक किसान मौजूद रहे।

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