शहर में सीवरेज, पेयजल के मास्टर प्लान को शीघ्र मंजूरी की मांग, एसीएस से मिले चेयरमैन राजदीप

जागरण संवाददाता चरखी दादरी शहर से बरसाती पानी की निकासी और सीवरेज व्यवस्था को बेहतर

By JagranEdited By: Publish:Fri, 17 Sep 2021 05:48 AM (IST) Updated:Fri, 17 Sep 2021 05:48 AM (IST)
शहर में सीवरेज, पेयजल के मास्टर प्लान को शीघ्र मंजूरी की मांग, एसीएस से मिले चेयरमैन राजदीप
शहर में सीवरेज, पेयजल के मास्टर प्लान को शीघ्र मंजूरी की मांग, एसीएस से मिले चेयरमैन राजदीप

जागरण संवाददाता, चरखी दादरी : शहर से बरसाती पानी की निकासी और सीवरेज व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए जनस्वास्थ्य विभाग द्वारा बनाए मास्टर प्लान को जल्द स्वीकृति दिलवाने कि मांग को लेकर हाउसिग बोर्ड चेयरमैन राजदीप फौगाट ने चंडीगढ़ में विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव देवेंद्र सिंह से मुलाकात की। उन्होंने अतिरिक्त मुख्य सचिव देवेंद्र सिंह को बताया कि दादरी शहर की सीवरेज लाइनें वर्षों पुरानी और छोटी साइज की होने के कारण पुरा शहर मौजूदा सीवरेज सिस्टम से परेशान है। बरसात के समय में हर वर्ष शहर में बाढ़ जैसे हालात बन जाते है। लोगों की इस बड़ी परेशानी को देखते हुए जनस्वास्थ्य विभाग दादरी द्वारा पूरे शहर के लिए एक मास्टर प्लान तैयार करके विभाग मुख्यालय में भिजवाया हुआ है। इसके अलावा सीवरेज लाइनों की रुकावटें दूर करने के लिए सुपर सकर मशीन भी दादरी जिले में उपलब्ध कराने की डिमांड मुख्यालय में भिजवाई हुई है। उन्होंने कहा कि लोगों की परेशानियों को देखते हुए मास्टर प्लान और सुपर सकर मशीन की डिमांड को अति शीघ्र पूरा किया जाना आवश्यक है। मुख्य अभियंता को स्थिति का जायजा लेने के दिए निर्देश

दादरी क्षेत्र के लोगों के सामने आ रही परेशानियों को समझते हुए अतिरिक्त मुख्य सचिव देवेंद्र सिंह ने जनस्वास्थ्य विभाग के मुख्य अभियंता को स्वयं दादरी जाकर वास्तविक स्थिति का जायजा लेने के आदेश जारी किए। उन्होंने राजदीप फौगाट को भरोसा दिलाया कि दादरी क्षेत्र की इन जायज मांगों को पूरा करने में विभाग व सरकार पूर्णतया प्रयासरत है। जल्द ही एक उच्च स्तर के सभी अधिकारियों की बैठक बुलाकर इस गंभीर समस्या के स्थाई समाधान को लेकर के सभी पहलुओं पर विस्तृत चर्चा की जाएगी। जलजमाव प्रभावित गांवों के लिए बने योजना

राजदीप फौगाट ने सिचाई विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव देवेंद्र सिंह को बताया कि दादरी विधानसभा क्षेत्र के दो दर्जन से भी अधिक गांवों में हर वर्ष बरसात के समय में बरसाती पानी जमा हो जाता है। जिसकी निकासी के लिए कोई भी स्थायी प्रबंध नहीं है। जलजमाव के किसानों की फसल नष्ट हो जाती है। इसके अलावा आगामी फसल की बीजाई भी नहीं हो पाती। इसलिए इस क्षेत्र से पानी की निकासी के लिए भी एक योजना बनाई जाए ताकि क्षेत्रवासियों को जलजमाव से बचाया जा सके।

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