पहाड़ी माता मंदिर में उमड़ी भीड़, पांच लोगों की गर्भग्रह में एंट्री

पहाड़ी माता देवी मंदिर और इसके प्रति गहरी आस्था है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 20 Apr 2021 08:10 AM (IST) Updated:Tue, 20 Apr 2021 08:10 AM (IST)
पहाड़ी माता मंदिर में उमड़ी भीड़, पांच लोगों की गर्भग्रह में एंट्री
पहाड़ी माता मंदिर में उमड़ी भीड़, पांच लोगों की गर्भग्रह में एंट्री

मदन श्योराण, ढिगावा मंडी पहाड़ी माता देवी मंदिर और इसके प्रति गहरी आस्था ने गांव पहाड़ी की देशभर ही नहीं विदेशों में भी पहचान बनाई है। गांव पहाड़ी की ऊंची पहाड़ी पर स्थित पहाड़ी माता का मंदिर श्रद्धालुओं के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र बना रहता है। यह गांव पहाड़ी जिला हेड क्वार्टर भिवानी से 57 किलोमीटर दूर लोहारू हलके में है। मंदिर में सोमवार को नवरात्र में सुबह भारी भीड़ उमड़ी। बेशक गर्भग्रह में पांच लोगों की एंट्री हुई लेकिन मंदिर में पहुंची भीड़ के चलते न तो शारीरिक दूरी के नियम की पालना हुई न लोगों ने मास्क लगाए थे। जबकि प्रशासन की तरफ से नवरात्र को देखते हुए ड्यूटी मजिस्ट्रेट तक तैनात किए हुए है।

गांव पहाड़ी के पहाड़ पर स्थित प्रसिद्ध पहाड़ी माता मंदिर हैं। यह करीब 850 वर्ष पुराना बताया जा रहा है। मान्यता है कि पांडव भी अज्ञातवास के दौरान यहां से निकलते समय माता के दर्शनों के लिए ठहरे थे। वहीं श्रद्धालु कोलकाता, दिल्ली, असम, सिलीगुड़ी, गोवा, बेंगलुरु से छपारिया, काजड़िया, नकीपुरिया आदि जगह से आते हैं। इस बार कोरोना के चलते मेले का आयोजन नहीं हुआ लेकिन भीड़ नहीं रुक रही है। बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए हैं मूलभूत सुविधाएं : पहाड़ी माता सेवा ट्रस्ट के सदस्यों ने बताया कि मंदिर परिसर में ही बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए 46 धर्मशालाएं बनी हुई हैं। सभी सुविधाएं श्रद्धालुओं को निश्शुल्क मुहैया कराई जाती है। लेकिन इस बार श्रद्धालुओं की कोरोना जांच की सर्टिफिकेट देखने के बाद ही धर्मशाला के अंदर प्रवेश करने की अनुमति दी जा रही है। 350 फीट ऊंची पहाड़ी पर बना है मंदिर नवरात्र के अवसर पर प्रतिवर्ष लाखों लोग देशभर से माता के चरणों में शीश नवाने के लिए आते हैं। गांव में स्थित 350 फीट ऊंची पहाड़ी पर माता की भव्य प्रतिमा भक्तों को अपनी ओर आकर्षित कर लेती है। जानकारी के अनुसार दिल्ली के तोमर वंश के राजा पहाड़ी माता की पूजा व आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए यहां आते थे। पांडव भी अपने अज्ञातवास के दौरान यहां से निकलते समय माता के दर्शनों के लिए ठहरे थे। - पंडित विशंबर, मंदिर के पुजारी फोटो -- जागरण -- पहाड़ी माता मंदिर पहाड़ी में लगी श्रद्धालुओं की भीड़.

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