कोरोना नहीं रोक पाया राह, शिक्षक जगा रहे आनलाइन शिक्षा की अलख

बेमिसाल हैं ये गुरुजन। कोरोना महामारी इनकी राह नहीं रोक पा रही है। भले ही शिक्षा विभाग ने आनलाइन शिक्षा को लेकर नए सत्र में नई गाइड लाइन जारी नहीं की हैं पर शिक्षक महेंद्र सागर सैलेश जांगड़ा और मनोज भारत का निशाना लक्ष्य पर है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 16 May 2021 07:02 AM (IST) Updated:Sun, 16 May 2021 07:02 AM (IST)
कोरोना नहीं रोक पाया राह, शिक्षक जगा रहे आनलाइन शिक्षा की अलख
कोरोना नहीं रोक पाया राह, शिक्षक जगा रहे आनलाइन शिक्षा की अलख

सुरेश मेहरा, भिवानी : बेमिसाल हैं ये गुरुजन। कोरोना महामारी इनकी राह नहीं रोक पा रही है। भले ही शिक्षा विभाग ने आनलाइन शिक्षा को लेकर नए सत्र में नई गाइड लाइन जारी नहीं की हैं पर शिक्षक महेंद्र सागर, सैलेश जांगड़ा और मनोज भारत का निशाना लक्ष्य पर है। महामारी के इस दौर में वे अपनी जिम्मेदारी का बखूबी निर्वहन कर रहे हैं। प्रतिदिन से एक तीन घंटे तक ये अध्यापक बच्चों को आनलाइन शिक्षा दे रहे हैं।

गर्मी की छुट्टियों में आनलाइन पढ़ाई रही थी जारी

फिलहाल भले ही गर्मी की छुट्टियां चल रही हैं। पिछले साल कोरोना संक्रमण के चलते छुट्टियों में भी आनलाइन पढ़ाई का कार्य करवाया गया था। इस बार अभी तक बच्चों के लिए आनलाइन पढ़ाई का काम नहीं कराया जा रहा है। अनेक अध्यापक मानते हैं कि शिक्षा की गतिविधियां छुट्टियों में जारी रहनी चाहिए।

अब तो आनलाइन शिक्षा ही बच्चों का सहारा

प्राइमरी में हिदी विषय की आनलाइन कक्षाएं नियमित रूप से एक घंटे से ज्यादा समय तक ली जा रही हैं। इसके अलावा एजुसेट टीवी पर भी तैयार किए गए पाठ पढ़ाए जा रहे हैं। यू ट्यूब, वाट्सएप ग्रुपऔर फेसबुक पर मैं नियमित रूप से बच्चों से सीधा जुड़ कर उनकी पढ़ाई करवाई जा रही है। चिता इस बात की है कि अनेक अभिभावक बच्चों को फोन सुलभ नहीं कराते जिससे कई बार काम प्रभावित होता है। अभिभावक भी बच्चों की आनलाइन पढ़ाई पर ध्यान दें।

- महेन्द्र सिंह सागर, प्राथमिक अध्यापक, राजकीय प्राथमिक पाठशाला बुधसेली।

प्रतिदिन बच्चों को आनलाइन पढ़ा रहे शिक्षक

कक्षा छह से 12वीं तक के बच्चों की आनलाइन पढ़ाई नियमित रूप से कराई जा रही है। मुख्य रूप से मैं विज्ञान की कक्षाएं ले रहा हूं। गूगल क्लास के अलावा यू ट्यूब, टेलीग्राम और फेसबुक पर बच्चों से सीधा जुड़ कर उनकी आनलाइन पढ़ाई करवाई जा रही हैं। प्रतिदिन बच्चों से तीन घंटे जुड़ते हैं तो आत्म संतुष्टि मिलती हैं। कोरोना महामारी से बचाव रखते हुए अभिभावक बच्चों की आनलाइन पढ़ाई के प्रति गंभीरता से काम करें।

-शैलेश जांगड़ा, प्राध्यापक, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल लेघां।

फेसबुक पर लाइव कक्षा लेकर बच्चों को दे रहे शिक्षा

कोरोना महामारी ने हर किसी को प्रभावित किया है। चाहे कुछ भी बच्चों की आनलाइन पढ़ाई तो कम से कम जारी ही रहनी चाहिए। इसके लिए मैं निरंतर अपनी जिम्मेदारी निभा रहा हूं। फेस बुक पर प्रतिदिन लाइव आकर बच्चों को पढ़ाया जा रहा है। कक्षा छह, सात और आठ की कक्षाएं ली जा रही हैं। वाट्सएप ग्रुप और फोन मैसेज पर भी बच्चों के सवालों का जवाब देते हैं। बच्चों और अभिभावकों की संतुष्टि ही हमारी संतुष्टि है।

- मनोज भारत, राजकीय माध्यमिक स्कूल, ढाणी खुशहाल।

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