सिविल सर्जन ने किया पीएचसी बामला व खरक का औचक निरीक्षण
सिविल सर्जन डा. रघुबीर शांडिल्य ने सोमवार को पीएचसी खरक व बामला का औचक निरी
भिवानी वि. : सिविल सर्जन डा. रघुबीर शांडिल्य ने सोमवार को पीएचसी खरक व बामला का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षक के दौरान कुछ स्टाफ सदस्य गैर हाजिर मिले, जिस पर सिविल सर्जन ने स्टाफ सदस्यों को ड्यूटी पर समय पर आने के सख्त निर्देश दिए। उन्होंने अस्पताल परिसर में सफाई व्यवस्था दुरुस्त रखने व परिसर में उगी घासफूस की सफाई करने के भी निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि पीएचसी में स्वास्थ्य सेवाओं का एक फलेक्स बोर्ड लगा होना चाहिए, जिस पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं जैसे ओपीडी, टीकाकरण व डिलीवरी हट आदि की सुविधाओं के बारे में जानकारी होनी चाहिए। इससे कि लोगों को स्वास्थ्य विभाग की सेवाओं के बारे में जानकारी हो सके। उन्होंने निर्देश दिए कि डिलीवरी हट के तहत कर्मचारी राउंड दी क्लाक सेवाएं प्रदान करने के लिए अपनी ड्यूटी पर रहें। आउटसोर्स कर्मचारियों की समस्याओं के निदान के लिए दिए जरूरी निर्देश
सोमवार को सिविल सर्जन कार्यालय में चिकित्सा अधिकारियों की एक बैठक आयोजित हुई। इसमें सिविल सर्जन डा. शांडिल्य ने आउटसोर्स पालिसी के तहत लगे कर्मचारियों को समय पर वेतन दिए जाने बारे जरूरी निर्देश दिए। उन्होंने एक कमेटी का गठन भी किया, जो इन कर्मचारियों की हाजिरी की वेरीफिकेशन कर समय पर वेतन दिलवाना सुनिश्चित करेगी। उन्होंने निर्देश दिए कि बिना किसी ठोस कारण में किसी भी आउटसोर्स कर्मचारी का वेतन न रोका जाए। उन्होंने बैठक में मौजूद पीएचसी-सीएचसी के प्रतिनिधियों को निर्देश दिए कि वे आउटसोर्स कर्मचारियों की हाजिरी समय पर भिजवाना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि महीने की दो तारीख तक पीएचसी के इंचार्ज माध्यम से आउटसोर्स कर्मचारियों की हाजिरी आएगी और सात तक उनको वेरीफाई किया जाएग, जिसके लिए कमेटी का गठन कर दिया गया है।
उन्होंने बताया कि महीने की दस तारीख तक आउटसोर्स कर्मचारियों के वेतन का भुगतान कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि कमेटी गठित की गई हैं, जिसमें डा. कृष्ण कुमार नोडल अधिकारी, डा. संदीप, अकाउंट आफिसर, दो अकाउंटेंट, एक डीपीएम और दो डीडीओ शामिल हैं। यह कमेटी बिलों को वेरीफाई करेगी और आउटसोर्स कर्मचारियों के दिए जाने वाले वेतन से ईएसआइ, जीएसटी और डीएनआइटी के अनुरूप दिए जाने के बारे में सुनिश्चित करेगी। वहीं दूसरी ओर आउटसोर्स कर्मचारियों की समस्याओं के निवारण के लिए सीचएसी और पीएचसी स्तर कमेटी का गठित की गई हैं।