चौधरी बंसी लाल विश्वविद्यालय ने एमओयू साइन किया
चौधरी बंसी लाल विश्वविद्यालय ने प्राच्य यानि प्राचीन विद्या केंद्र स्थापित करन
जागरण संवाददाता, भिवानी : चौधरी बंसी लाल विश्वविद्यालय ने प्राच्य यानि प्राचीन विद्या केंद्र स्थापित करने को लेकर संस्कृत के जाने माने विद्वान पंडित शिव नारायण शास्त्री के साथ एमओयू साइन किया है। इस एमओयू पर कुलपति प्रोफेसर राजकुमार मित्तल की अध्यक्षता में कुलसचिव डा. जितेंद्र कुमार भारद्वाज एवं संस्कृत विद्वान पंडित शिव नारायण शास्त्री ने हस्ताक्षर किए। इस एमओयू साइन के अवसर पर संस्कृत विद्वान पं. शिव नारायण शास्त्री की धर्मपत्नी कुसुम शर्मा, श्रीमाई महाराज, वरिष्ठ अधिवक्ता अविनाश सरदाना की उपस्थिति रही। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजकुमार मित्तल ने कहा कि प्राच्य विद्या ज्ञान एवं संस्कारों का भंडार हैं।
उन्होंने कहा कि आजतक जो विकास यात्रा हमने की है वह प्राच्य विद्या की बदौलत ही संभव हुई है। हमारी संस्कृत भाषा सबसे प्राचीन एवं विज्ञान की सर्वश्रेष्ठ भाषा है। इसको आम जन-जन की भाषा बनाने के लिए हम सबको मिलकर प्रयास करने होंगे और इसके संरक्षण की नैतिक जिम्मेदारी हम सबकी है। उन्होंने पंचकोश के सिद्धांत को जीवन एवं शिक्षा का मूल मंत्र बताया। विश्वविद्यालय के इस प्राच्य विद्या केंद्र की स्थापना में जो योगदान संस्कृत के महान विद्वान दानी भामाशाह पं शिव नारायण शास्त्री के अहम योगदान के लिए उनका आभार जताया।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय का प्राच्य विद्या केंद्र प्राच्य विद्या के संरक्षण, शिक्षा एवं शोध के क्षेत्र में बेहतर कार्य करते हुए अपने उद्देश्य पर खरा उतरेगा। संस्कृत के विद्वान दानी भामाशाह पं. शिव नारायण शास्त्री ने कहा कि उन्होंने सारा जीवन संस्कृत एवं प्राच्य विद्या पर लगाया है। विश्वविद्यालय ने उनके प्राच्य विद्या केंद्र के स्वप्न को साकार करते हुए उन्हें प्राच्य विद्या के संरक्षण का सहभागी बनाया है इसके लिए वे विश्वविद्यालय के आभारी हैं।
माई महाराज ने संबोधित करते हुए कहा कि हमारी प्राच्य विद्या और संस्कृति विश्व में सर्वश्रेष्ठ है। विश्वविद्यालय द्वारा इस तरह की पहल करना और केंद्र स्थापित करना सराहनीय कदम है। विश्वविद्यालय के कुलसचिव डा. जितेन्द्र भारद्वाज ने विश्वविद्यालय ने विश्वविद्यालय की ओर से पं शिवनारायण शास्त्री का परिचय कराया और सभी अतिथियों का स्वागत एवं अभिनंदन किया। वरिष्ठ अधिवक्ता अविनाश सरदाना ने विश्वविद्यालय के प्राच्य विद्या केन्द्र स्थापित करने के कदम की सराहना की और पं. शिवनारायण शास्त्री द्वारा भवन दान करने के लिए आभार प्रकट किया।
इस अवसर पर कुसुम शर्मा, प्रो. राधेश्याम, प्रो. संजीव कुमार डा. सुरेश मलिक, डा. एसके कौशिक, डा. सुनीता भरतवाल, डा. बाबूराम, डा. कुलदीप मेहंदीरत्ता, डा. रितेश गुप्ता, नीरज नारंग सहित कई कर्मचारी उपस्थित रहे।