206 आंगनबाड़ी वर्कर्स को मिली बड़ी राहत, तीन माह का बकाया 68 लाख मानदेय खातों में पहुंचा

बाढड़ा खंड की 206 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का चार माह के बकाया मानदेय में से तीन माह का वेतन उनके एकाउंट में आ गया है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 26 Jul 2021 07:54 AM (IST) Updated:Mon, 26 Jul 2021 07:54 AM (IST)
206 आंगनबाड़ी वर्कर्स को मिली बड़ी राहत, तीन माह का बकाया 68 लाख मानदेय खातों में पहुंचा
206 आंगनबाड़ी वर्कर्स को मिली बड़ी राहत, तीन माह का बकाया 68 लाख मानदेय खातों में पहुंचा

पवन शर्मा, बाढड़ा : बाढड़ा खंड की 206 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का चार माह के बकाया मानदेय में से तीन माह की लगभग 68 लाख की राशि जारी हो गई है। यह राशि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के खातों में भेज दी है। इससे उनमें खुशी की लहर है। आंगनबाड़ी वर्कर्स ने उनकी मांग को प्रमुखता से सरकार के समक्ष उठाने पर दैनिक जागरण का आभार जताया है। दैनिक जागरण ने 18 जुलाई को आंगनबाड़ी वर्कर्स की मानदेय संबंधी समस्या को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। जिसके बाद संबंधित विभाग ने उनकी सुनवाई की है। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा अपनी आंगनबाड़ी वर्कर्स को कोविड महामारी में सर्वे करने, टीकाकरण करवाने, राशन वितरण करने तथा कोरोना संक्रमितों को प्रतिदिन दवाएं वितरित करने में अग्रणी रहने पर प्रदेश सरकार ने उनको कोरोना योद्धा का दर्जा तो दिया था। लेकिन पिछले चार माह से उनका बकाया मानदेय जारी नहीं किया जा रहा था। उन्होंने 17 जुलाई को ही उपायुक्त से गुहार लगाई थी कि खंड की 200 कार्यकर्ताओं का चार माह का बकाया लगभग 84 लाख की राशि उनके खातों में भिजवाई जाए। वर्कर्स की इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए विभाग ने अब तीन माह का मानदेय उनके खातों में भेज दिया है। खंड के ग्रामीण क्षेत्र में संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन करने वाली आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने पिछले डेढ़ साल में कोविड महामारी के दौरान बेहतर कार्य किया। नौनिहालों के घर घर पहुंच कर राशन वितरित किया। कोविड महामारी में घर घर सैनिटाइजर, मास्क भी बांटे और लोगों को जागरूक किया। फरवरी के बाद नहीं जारी हुआ था मानदेय

आंगनबाड़ी वर्कर यूनियन अध्यक्ष सुनीता रामबास, कविता, ममता, अनीता, सुशीला इत्यादि ने बताया कि प्रत्येक विभाग अपने कर्मचारी को प्रतिमाह की एक तारीख को मानदेय खाते में भेज देता है। लेकिन उनको फरवरी 2021 के बाद एक पैसा नहीं मिल पाया। उनको प्रतिमाह 11 हजार 811 रुपये मानदेय दिया जाता है। दैनिक जागरण ने उनकी मांग को प्रमुखता से उठाया तो जिला प्रशासन हरकत में आया और लगभग 206 वर्कर्स के खातों में 68 लाख रुपये भेज दिए हैं। इस बारे में सीडीपीओ पुष्पा गुप्ता से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि खंड की सभी कार्यकर्ताओं का बकाया तीन माह का मानदेय उनके खातों में भिजवा दिया है। शेष मांगों को भी जल्द पूरा करे सरकार : सुनीता

शेष मांगों को भी पूरा करे सरकार आंगनबाड़ी वर्कर यूनियन अध्यक्ष सुनीता रामबास ने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हर क्षेत्र में सरकारी आदेशों को जन जन तक पहुंचाती हैं। लेकिन उसके बावजूद उनको सरकारी कर्मचारी का दर्जा व पूरा मानदेय नहीं दिया जा रहा है। वर्ष 2018 में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा 15 सौ रुपये बढ़ाए गए थे जो आज तक नहीं मिले हैं। केंद्र सरकार द्वारा जारी भत्ता भी 8 महीने से नहीं दिया गया है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की सबसे बड़ी समस्या है कि उनको मोबाइल फोन पर एप डाउनलोड करके उसमें जो भी फार्मेट दिए गए हैं उनके मुताबिक काम करके जानकारी उच्चाधिकारियों तक पहुंचानी पड़ती है। लेकिन उनके पास महंगे आधुनिक और नए फीचर वाले मोबाइल फोन नहीं है। एक्सेल या अन्य फार्मेट में काम करने का कोई भी अनुभव नहीं है। इस विषय में भी जो यूनियन की मांग है सरकार उसे पूरी करे।

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