कैप्टन जिले सिंह एकेडमी में मनाया नौसेना दिवस, सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित

थानीय कैप्टन जिले सिंह एकेडमी में नौसेना दिवस के उपलक्ष्य में एक समारोह का आयोजन किया गया। इसमें भारतीय नौसेना की बहादुरी का सांस्कृतिक कार्यक्रमों के द्वारा सम्मान किया गया। एकेडमी के डायरेक्टर जयपाल सांगवान ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बताया कि भारतीय नौसेना ने 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान जो अदम्य साहस दिखाया उसी के पावन पर्व पर हर वर्ष चार दिसंबर को भारतीय नौसेना दिवस के रुप में मनाया जाता है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 05 Dec 2021 05:43 PM (IST) Updated:Sun, 05 Dec 2021 05:43 PM (IST)
कैप्टन जिले सिंह एकेडमी में मनाया नौसेना दिवस, सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित
कैप्टन जिले सिंह एकेडमी में मनाया नौसेना दिवस, सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित

जागरण संवाददाता, चरखी दादरी : स्थानीय कैप्टन जिले सिंह एकेडमी में नौसेना दिवस के उपलक्ष्य में एक समारोह का आयोजन किया गया। इसमें भारतीय नौसेना की बहादुरी का सांस्कृतिक कार्यक्रमों के द्वारा सम्मान किया गया। एकेडमी के डायरेक्टर जयपाल सांगवान ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बताया कि भारतीय नौसेना ने 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान जो अदम्य साहस दिखाया उसी के पावन पर्व पर हर वर्ष चार दिसंबर को भारतीय नौसेना दिवस के रुप में मनाया जाता है। इन्हीं वीर सपूतों के पराक्रम के कारण ही हम भारतवासी अच्छी नींद में सुनहरे सपने देखते हैं। क्योंकि हमें विश्वास है कि हमारे प्रहरी योद्धा हर समय और हर स्थिति में हमारी रक्षा करने में सक्षम है। इसीलिए समाज के शिक्षित वर्ग का भी यह दायित्व बनता है कि वह समय-समय पर इन महान योद्धाओं की हौसला अफजाई करते हुए समाज को इनके बारे में सही मार्गदर्शन करें। इस अवसर पर संस्थान के मैनेजिग डायरेक्टर राजपाल सांगवान ने बताया कार्यक्रम कोरोना प्रोटोकाल की सीमा रेखा में हुआ। उन्होंने युवा शक्ति को भी कोरोना रूपी इस दानव को भारत में न फैलने के प्रयासों पर जोर दिया। सैन्य सम्मान समारोह गोष्ठी के आयोजन में सैकड़ों युवा विद्यार्थियों ने भाग लिया गया। संस्थान के मीडिया प्रभारी संदीप कुमार ने बताया कि चार दिसंबर को नौसेना दिवस के रूप में प्रतिवर्ष बनाया जाता है। उन्होंने बताया कि बिना भारतीय सैनिकों के अदम्य साहस और बलिदान के भारत परिचय को भी पूरा नहीं किया जा सकता तो भारतवर्ष को कैसे पूरा किया जा सकता है। संस्थान की प्रिसिपल डा. नेहा दत्तिक ने अपने सफल और श्रेष्ठतम मार्गदर्शन में पूरा करवाया। डा. नेहा दत्तिक ने अपने संबोधन से युवाओं में एक नई ऊर्जा का संचार किया। इस अवसर पर डा. अनीता, डा. सोमवीर सांगवान, सनी कुमार, पवन कुमर, रूपा, सन्नी वशिष्ठ इत्यादि उपस्थित रहे।

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