..भिवानी का संग्रहालय होती स्वतंत्रता सेनानी पंडित नेकीराम की हवेली

सुरेश मेहरा भिवानी आजादी के आंदोलन की बात करें तो स्वतंत्रता सेनानी पंडित नेकीराम शमा

By JagranEdited By: Publish:Sun, 27 Sep 2020 04:01 AM (IST) Updated:Sun, 27 Sep 2020 05:06 AM (IST)
..भिवानी का संग्रहालय होती स्वतंत्रता सेनानी पंडित नेकीराम की हवेली
..भिवानी का संग्रहालय होती स्वतंत्रता सेनानी पंडित नेकीराम की हवेली

सुरेश मेहरा, भिवानी:

आजादी के आंदोलन की बात करें तो स्वतंत्रता सेनानी पंडित नेकीराम शर्मा हरियाणा ही नहीं देश के अग्रणी नेताओं में शुमार रहे। भिवानी में दिनोद गेट के समीप उनकी हवेली को आज भी संग्राहलय बनने के इंतजार में है। वर्ष 2008 में तत्कालीन मुख्यमंत्री ने इस हवेली को संग्राहलय बनाने की घोषणा की थी। इसके लिए 67 लाख रुपये के बजट से मरम्मत भी कराई थी। इसके बाद से आज तक इसकी सुध नहीं ली गई। इस हवेली में पंडित जी के जीवन से जुड़ी चीजें यहां रखी जानी थी। फिलहाल पंडित जी का चश्मा, छड़ी, पत्र और किताबें दिल्ली के नेहरू म्यूजियम लाइब्रेरी में रखे हैं। कुछ चीजें जैसे चरखा, चारपाई और कुर्सी स्थानीय प्रशासन के पास हैं। संग्राहलय के रूप में बनाई उनकी हवेली आज भी पंडितजी से जुड़ी यादों का इंतजार कर रही हैं। यूं कहें कि सरकार इस हवेली की सुध लेती तो दिल्ली के राजघाट की तर्ज पर यह हवेली भिवानी का राजघाट होती। गांधी और कस्तूरबा का आना-जाना रहा यहां

आजादी के आंदोलन में महात्मा गांधी और कस्तूरबा गांधी के अलावा दूसरे बड़े नेताओं का खूब आना-जाना रहा। 22-24 अक्टूबर 1920 को भिवानी में नेकीराम की ओर से अंबाला डिविजनल पॉलिटिकल कान्फ्रेंस का आयोजन किया। इसमें महात्मा गांधी पहुंचे थे। इसमें कुर्सी रहित पांडाल लगाया था। इससे गांधीजी इतने प्रभावित हुए थे कि बाद में देशभर में कांग्रेस के जितने अधिवेशन हुए सब कुर्सी रहित हुए और यह परंपरा बन गई थी। पंडितजी के पैतृक गांव केलंगा श्रद्धांजलि देने पहुंचे थे कलाम

25 मई 2007 को भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति डा. एपीजे अब्दुल कलाम आजाद भी स्वतंत्रता सेनानी पंडित नेकीराम शर्मा को श्रद्धांजलि देने के लिए उनके पैतृक गांव केलंगा पहुंचे थे। राष्ट्रपति डा.कलाम ने नेकीराम शर्मा को महान देशभक्त बताया था। उनके पैतृक गांव केलंगा को आदर्श गांव भी घोषित किया है। पूर्व विधायक डा.शिवशंकर भारद्वाज के प्रयासों से भिवानी के दिनोद गेट स्थित उनके आवास को राष्ट्रीय स्मारक घोषित किया था। संग्रहालय बनाने को 67 लाख खर्च पर अभी तक उद्घाटन नहीं

वर्ष 2008 में स्वतंत्रता सेनानी पंडित नेकीराम शर्मा की हवेली को संग्रहालय बनाने के लिए इसकी मरम्मत की गई थी। इस पर 67 लाख रुपये खर्च किए गए। इस में पंडित जी से जुड़ी यादों को रखा जाना था। फिलहाल उनसे जुड़ी यादें चश्मा, छड़ी, अनेक पत्र, किताबें आदि को दिल्ली में नेहरू म्यूजियम लाइब्रेरी में रखा गया है। इसके अलावा उनका चरखा, चारपाई, कुर्सी और दूसरी वस्तुएं स्थानीय भिवानी प्रशासन के पास रखी हैं। वर्जन

स्वतंत्रता सेनानी पंडित नेकीराम शर्मा की हवेली संग्राहलय बनने के लिए तैयार है। वर्ष 2008 में इसको मंजूरी मिल गई थी और 67 लाख रुपये खर्च कर इसको तैयार भी किया गया है। बस इसका उद्घाटन होना बाकी है। मुख्यमंत्री इस नेक कार्य के लिए सलाह के लिए मुझे आमंत्रित करते हैं तो मैं तैयार हूं। मुख्यमंत्री हमारे पुराने साथी रहे हैं। मुझे भरोसा है इस मामले में जरूर संज्ञान लेंगे।

डा. शिवशंकर भारद्वाज, पूर्व विधायक, भिवानी।

वर्जन

मैं पंडितजी की हवेली का संग्रहालय के रूप में उद्घाटन करने के लिए कई कई बार पत्र लिख चुका हूं। मुख्यमंत्री और विधायक को भी लिखा है। पंडितजी की हवेली पर्यटन स्थल के रूप में विकसित हो सकती है। इसकी सुध ली जाए तो यह हवेली पर्यटकों के लिए दिल्ली के राजघाट से कम नहीं है। मुख्यमंत्री इसकी सुध लें तो यह भिवानी वासियों का ही नहीं प्रदेशवासियों का सौभाग्य होगा।

पराग शर्मा, परपौत्र, दिवंगत पंडित नेकीराम शर्मा।

chat bot
आपका साथी