नपा चेयरपर्सन कांता किरण ओड को अब 12 नवंबर को पार्षदों का विश्वास जीतना होगा

नपा चेयरपर्सन कांता किरण ओड को अब 12 नवंबर को उनकी कार्यप्रणाली से खफा हुए पार्षदों का विश्वास जीतना होगा।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 25 Oct 2021 08:01 PM (IST) Updated:Mon, 25 Oct 2021 08:01 PM (IST)
नपा चेयरपर्सन कांता किरण ओड को अब 12 नवंबर को पार्षदों का विश्वास जीतना होगा
नपा चेयरपर्सन कांता किरण ओड को अब 12 नवंबर को पार्षदों का विश्वास जीतना होगा

संवाद सहयोगी, बवानीखेड़ा : नपा चेयरपर्सन कांता किरण ओड को अब 12 नवंबर को उनकी कार्यप्रणाली से खफा हुए पार्षदों का विश्वास जीतना होगा। अगर 12 नवंबर को नपा चेयरपर्सन अपने पक्ष में बहुमत साबित नहीं कर पाती है तो उनकी कुर्सी को खतरा हो सकता है। ध्यान रहे कि 21 अक्टूबर को कस्बा बवानीखेड़ा के कुल 15 पार्षदों में से 10 पार्षदों ने उपायुक्त के समक्ष पेश होकर नपा चेयरपर्सन की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगाते हुए अविश्वास प्रस्ताव लाए जाने की मांग की थी। इन शपथ पत्रों को उपायुक्त ने कार्रवाई को आगे बढ़ाते हुए अब नपा चेयरपर्सन सहित सभी 15 पार्षदों को 12 नवंबर को दोपहर 12 बजे भिवानी स्थित डीआरडीए हाल में अतिरिक्त उपायुक्त के समक्ष पेश होने के निर्देश जारी किए है। वही नपा चेयरपर्सन अपनी कुर्सी को बचाने के लिए ऐडी से चोंटी तक का जोर लगाए हुए है तथा यह मामला उन्होंने अपने राजनीतिक आकाओं तक पहुंचाने का कार्य भी किया है। अब यह देखने वाली बात होगी कि 12 नवंबर को अविश्वास प्रस्ताव पेश करने के दौरान नपा चेयरपर्सन अपनी कुर्सी बचाने में कामयाब हो पाती है या नहीं। वही नपा चेयरपर्सन के विरोधी पार्षदों के खेमे में फिलहाल तीन अनुसूचित जाति वर्ग से पार्षद है, इनमें अजय, मीना चौपड़ा व रमेश काजल के नाम शामिल हैं। ये सभी विरोधी खेमे से चेयरमैन की कुर्सी पाने की दौड़ में लगे हुए है। फिलहाल तो एक पार्षद ने दावा किया है कि सभी दसों पार्षद एकजुट है और वे 12 नवंबर को अवश्य ही नपा चेयरपर्सन के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित करवाने में सफल रहेंगे।

फिलहाल अनुसूचित जाति वर्ग से किसी भी पार्षद का नाम चेयरमैन के पद के लिए आगे नहीं बढ़ाया गया है। फिलहाल तो उनका मकसद अविश्वास प्रस्ताव को सफल बनाने का ही है। अगर अश्विास प्रस्ताव सफल हो जाता है तो नए चेयरमैन के नाम पर आगे मोहर लगाने का कार्य किया जाएगा। वही नपा चेयरपर्सन कांता किरण ओड के पाले में फिलहाल पांच ही पार्षद बताए गए है। उन्हे बहुमत साबित करने के लिए छह पार्षदों की आवश्यकता है। फिलहाल वह नाराज पार्षदों को मनाने में जुटी हुई है। देखने वाली बात यह होगी कि नपा चेयरपर्सन अपनी कुर्सी बचाने में सफल हो पाती है या नहीं। फिलहाल तो कस्बा में नगर पालिका की राजनीतिक माहौल चर्चा जोरों पर है। हालांकि कुछ पार्षदों द्वारा जून माह में भी नपा चेयरपर्सन के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाए जाने का प्रयास किया गया था। उस वक्त नपा चेयरपर्सन ने अपनी राजनीति सूझ-बूझ के चलते विरोधी खेमे के रणनीति को एक बार तो झटका दे दिया था। 21 अक्टूबर को नगर पालिका के दस पार्षद उपायुक्त को नपा चेयरपर्सन के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाए जाने के शपथ पत्र सौंपे जाने के बाद ही सैर सपाटे पर निकले हुए है। बताया गया है कि इन दिनों ये सभी पार्षद राजस्थान के शहरों का भ्रमण कर देश की प्राचीन धरोहरों का ज्ञान सिमटने में लगे हुए हैं। हालांकि नपा चेयरपर्सन के विरोधी खेमे में इन दिनों चार महिला पार्षद भी है, उनकी जगह उनके पतिदेव ही सैर-सपाटे का आनंद ले रहे है। बताया गया है कि वे सभी पार्षद अविश्वास प्रस्ताव पारित करने की निर्धारित तिथि को ही सीधे भिवानी स्थित डीआरडी हाल में पहुंचेंगे और नपा चेयरपर्सन के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाए जाने का प्रयास करेंगे।

नपा चेयरपर्सन कांता किरण ओड ने कहा कि वे कस्बा के विकास को प्राथमिकता दे रही हैं। कस्बा के कुछ पार्षदों को उनकी ईमानदारी एवं विकास हजम नहीं हो रहा है। इसके चलते कुछ पार्षद स्वार्थ की राजनीति करने में लगे हुए हैं। सभी पार्षदों को अपनी बात रखने का हक है। रही बात उनकी कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगाने की तो वे सभी बातें निराधार है। उन्होंने दावा किया कि वे नाराज पार्षदों को मनाने का हर संभव प्रयास कर रही है। उन्होंने दावा किया कि वे अविश्वास प्रस्ताव के दौरान अवश्य ही बहुमत साबित करेंगी।

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