लखीमपुर खीरी के मृतक किसानों की अस्थि कलश यात्रा पहुंची बाढड़ा, संगठनों ने दी श्रद्धांजलि

संवाद सहयोगी बाढड़ा बुधवार को गांव जीतपुरा की सीमा पर लखीमपुर खीरी के मृतक किसानों क

By JagranEdited By: Publish:Thu, 21 Oct 2021 07:02 AM (IST) Updated:Thu, 21 Oct 2021 07:02 AM (IST)
लखीमपुर खीरी के मृतक किसानों की अस्थि कलश यात्रा पहुंची बाढड़ा, संगठनों ने दी श्रद्धांजलि
लखीमपुर खीरी के मृतक किसानों की अस्थि कलश यात्रा पहुंची बाढड़ा, संगठनों ने दी श्रद्धांजलि

संवाद सहयोगी, बाढड़ा : बुधवार को गांव जीतपुरा की सीमा पर लखीमपुर खीरी के मृतक किसानों की अस्थि कलश यात्रा पहुंची। खाप श्योराण पच्चीस के अध्यक्ष बिजेंद्र बेरला व अन्य किसान, सामाजिक संगठनों के सदस्यों ने मृतकों को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कहा कि किसानों का बलिदान बेकार नहीं जाएगा तथा सरकार को तीनों कृषि कानूनों को वापस लेना ही होगा संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर डबवाली से टीकरी बार्डर तक लखीमपुर खीरी के मृतक किसानों की अस्थि कलश यात्रा निकाली जा रही है। बाढड़ा के गांव जीतपुरा से उमरवास, काकड़ौली हट्ठी, काकड़ौली हुकमी, गोपी, पंचगावां के मुख्य बस स्टाप पर किसानों ने पहुंच कर उनको नमन किया। दादरी जिले में कलश यात्रा का नेतृत्व संयुक्त किसान मोर्चा के जोगेंद्र नैन, श्योराण खाप अध्यक्ष बिजेंद्र बेरला, युवा कल्याण संगठन के कमल प्रधान, किसान सभा संयोजक कामरेड ओमप्रकाश, स्वामी सदानंद सरस्वती, विनोद मांढी, विद्यानंद हंसावास, संदीप बाढड़ा ने किया। बाढड़ा कस्बे के मुख्य क्रांतिकारी चौक पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बिजेंद्र बेरला ने कहा कि झ्स कलश यात्रा का मकसद किसानों के त्याग व बलिदान को याद करना है और इससे प्रेरणा लेकर सरकार की जन विरोधी नीतियों का डटकर मुकाबला किया जाएगा। देश की आजादी के अब तक के इतिहास में पहली बार किसानों को ऐसी अस्थि कलश यात्राएं निकालनी पड़ रही हैं। अंतिम सांस तक करेंगे संघर्ष

संयुक्त किसान मोर्चा सदस्य कमल सिंह भिवानी व यात्रा संयोजक जोगेंद्र सिंह नैन ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा कृषि क्षेत्र में लागू किए गए तीनों कानूनों को वापस लेने, लखीमपुर खीरी किसान हत्याकांड मामले में गृह मंत्री को बर्खास्त करने की मांग को लेकर चल रही यह यात्रा व संघर्ष अंतिम सांस तक जारी रहेंगे। उन्होंने कहा कि केंद्र व प्रदेश की भाजपा सरकार जनहितों के बजाय मनमानी कर रही हैं। जिससे किसान नौजवान, व्यापारी कर्मचारी व श्रमिक तबका आंदोलन के लिए मजबूर हैं। देश के पीएम व कृषि मंत्री कृषि को आधुनिक बनाने के नाम पर तीन नए कानून लागू कर रहे हैं जो किसान की बर्बादी का कारण बनेंगे। डीएपी खाद की किल्लत से किसान परेशान हैं। सरकार किसान आंदोलन को बदनाम करने के लिए तरह तरह के हथकंडे अपना रही है। ये रहे मौजूद

इस मौके पर भाकियू अध्यक्ष धर्मपाल बाढड़ा, महासचिव हरपाल भांडवा, विद्यानंद हंसावास, प्रदेश सचिव जगत सिंह बाढड़ा, अनिल शेषमां, मीर सिंह जेवली, दिलबाग गोपी, राजकुमार हड़ौदी, प्रेरक एसोसिएशन प्रदेशाध्यक्ष विनोद मांढी, धर्म सेना जिलाध्यक्ष प्रदीप बाढड़ा, रणधीर पीटीआइ, महेंद्र जेवली, विजय मोटू, बलवान सिंह, संत श्यामकलां, कविता बहल, अशोक आर्य, अजीत धनाना, ममता धनाना, बलबीर रणवा, प्रताप हंसावास, रतन सिंह, मीर सिंह बेरला, रणबीर चांदवास, रामपाल धारणी, देशराज, सूबेदार सुमेर भांडवा, सुमेर धारणी, रामनिवास शर्मा, सुरेंद्र पंघाल, बलराज सिंह, पप्पू जेवली भी मौजूद रहे।

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