संत जनों की संकल्प शक्ति से छटती है विपदा : अशोक गिरि
चीर फाड़ धरती सहे काट छांट वन राय कटु वचन साधु सहे किसी और से सहे ना जाएं। साधु संत व सन्यासी ही है जो समाज कल्याण के लिए जप तप के माध्यम से अपने शरीर पर पीड़ा सह कर समाज को एक नई दिशा व दशा देने का कार्य सहजता से करते है।
जागरण संवाददाता, भिवानी : चीर फाड़ धरती सहे काट छांट वन राय, कटु वचन साधु सहे किसी और से सहे ना जाएं। साधु संत व सन्यासी ही है जो समाज कल्याण के लिए जप तप के माध्यम से अपने शरीर पर पीड़ा सह कर समाज को एक नई दिशा व दशा देने का कार्य सहजता से करते है। उनके तप बल के माध्यम से ही जन मानस पर आए संकट के बादल छट जाते है यह कहना है सिद्ध पीठ बाबा जहरगिरी आश्रम के पीठाधीश्वर बाबा अशोक गिरि महाराज का वह ग्वार फैक्ट्री के निकट स्थित त्रिवेणी धाम आश्रम में महंत बाबा ओम नाथ की पिछले 31 दिवसीय से पंच धूनि तपस्या व एक कुंडीय यज्ञ के सम्पन्न होने के शुभअवसर पर सम्पूर्ण आहुति देने के बाद उपस्थित श्रद्धालु भक्तों को अपने आशीष वचनों में कर रहें थे।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि महंत बाबा ओम नाथ एक तपस्वी साधु है जो कि मानव कल्याण के लिए जो 11 वर्षो से तप यज्ञ के माध्य्म से मानवता के कल्याण में कार्य कर रहे रहे है जो सही मायने में सार्थक कदम है। वहीं बाबा ओम नाथ ने कहा कि उनके गुरु जनों की शक्ति व प्रेरणा से ही वह अपना यज्ञ व तपस्या पूर्ण कर सके है उनका मकसद तप व यज्ञ के पीछे मात्र समाज कल्याण ही है। इस अवसर पर विष्णु नाथ बाबा बलबीर नाथ लोटा गिरि विजेंद्र कोतवाल घनश्याम यति कामाख्या गिरी धर्मेंद्र अंगिरा सुरेंद्र नाथ अमन शास्त्री शिव नारायण शास्त्री आचार्य हर्ष भट्ट , बाबा कामरूप जी महाराज आदि अन्य भक्त व सेवक मौजूद थे ।