प्रशिक्षु जरूरी, उद्योग में नहीं रखने पर होगी कार्रवाई
जागरण संवाददाता भिवानी लघु सचिवालय स्थित डीआरडीए सभागार में जिला शिक्षुता कमेटी की बैठक
जागरण संवाददाता, भिवानी: लघु सचिवालय स्थित डीआरडीए सभागार में जिला शिक्षुता कमेटी की बैठक हुई। डीसी ने शिक्षुता अधिनियम के बारे में जरूरी निर्देश दिए और योजना के तहत किए कार्यों की प्रगति की समीक्षा की। डीसी ने कहा कि नॉर्म के अनुरूप शिक्षुता नहीं लगाने वाले सरकारी विभाग और उद्योग संचालकों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
आर्य ने कहा कि शिक्षुता अधिनियम-1961 की हिदायतों अनुसार सरकारी संस्थानों में कुल कर्मचारियों का 10 फीसद व निजी प्रतिष्ठानों में 2.5 फीसद प्रशिक्षु लगाना अनिवार्य है। उन्होंने बताया कि सरकार की ओर से मार्च 2021 तक 16 हजार आइटीआइ पास छात्र-छात्राओं को शिक्षु लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिससे कि वे ऑनजॉब ही प्रशिक्षण लेकर दक्ष बन सकें। इससे बच्चों में कौशल का विकास होकर वे निपुण बनते हैं।
इस दौरान एसडीएम महेश कुमार, बिजली निगम के अधीक्षक अभियंता राजकुमार जाजौरिया, आइटीआइ प्राचार्य अनिल यादव, इंस्ट्रक्टर राजकुमार, ग्रुप इंस्ट्रक्टर हरीश कुमार, राजकीय महाविद्याल प्रो. विक्रम सिंह परमार, सहकारी समिति से सुरेश कुमार, आयुष विभाग से डा. गौरव मुंझाल सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद रहे। नए पोर्टल पर करना है डाटा अपलोड
उपायुक्त ने बताया कि कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय भारत सरकार द्वारा शिक्षुता पोर्टल बदल दिया गया है। नए पोर्टल अप्रेंटिसशिपइंडियाडोटओरजी पर ही अब शिक्षुता लगाने के लिए कार्रवाई की जानी है। उपायुक्त ने बताया कि तीन चरणों में शिक्षु लगाए जाएंगे। प्रथम चरण पूरा हो चुका है। दूसरा चरण में पोर्टल पर सीटें दर्शाने का कार्य 20 अक्टूबर तक, फिर 30 अक्टूबर तक आवेदन, उसके बाद 10 नंवबर तक पोर्टल पर शिक्षुओं के आवेदन स्वीकार तथा 20 नवंबर तक प्रतिष्ठान में कार्यग्रहण करना है। तीसरे चरण में भी एक दिसंबर 2020 तक सीटें प्रतिष्ठान सीटें बनाएंगे, उसके 10 दिसंबर तक विद्यार्थी आवेदन करेंगे, उसके बाद 20 दिसंबर तक संबंधित प्रतिष्ठान शिक्षुओं के आवेदन स्वीकृत करेंगे। उसके बाद 30 दिसंबर तक विद्यार्थियों को प्रतिष्ठानों में कार्यग्रहण करवाना है। उपायुक्त ने बताया कि एक बार शिक्षुता पूर्ण कर चुके अभ्यार्थी दोबारा शिक्षु के पात्र नहीं है।