रेट बढ़ाने की एंबुलेंस चालकों ने मांग की, चलता रहा एंबुलेंस का पहिया

कोरोना संक्रमण के दौरान एंबुलेंस चालक कोरोना योद्धा बनकर काम कर रहे है चाहे वह सरकारी एंबुलेंस के चालक हो या फिर प्राइवेट एंबुलेंस के चालक। भिवानी में 17 प्राइवेट एंबुलेंस चल रही है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 06 May 2021 07:02 AM (IST) Updated:Thu, 06 May 2021 07:02 AM (IST)
रेट बढ़ाने की एंबुलेंस चालकों ने मांग की, चलता रहा एंबुलेंस का पहिया
रेट बढ़ाने की एंबुलेंस चालकों ने मांग की, चलता रहा एंबुलेंस का पहिया

जागरण संवाददाता, भिवानी : कोरोना संक्रमण के दौरान एंबुलेंस चालक कोरोना योद्धा बनकर काम कर रहे है, चाहे वह सरकारी एंबुलेंस के चालक हो या फिर प्राइवेट एंबुलेंस के चालक। भिवानी में 17 प्राइवेट एंबुलेंस चल रही है। एंबुलेंस यूनियन ने सरकार द्वारा प्रति किलोमीटर का रेट मनमर्जी से कम कर दिया है। इसका प्राइवेट एंबुलेंस चालकों ने कड़ा विरोध किया। हालांकि पहले एंबुलेंस ना चलाने का फैसला लिया था, लेकिन लोगों की परिस्थितियों व मजबूरी को देखते हुए ये एंबुलेंस निरंतर दौड़ती रही। उन्होंने सरकार से रेट बढ़ाए जाने की मांग की है।

भिवानी में 17 प्राइवेट एंबुलेंस चल रही है। ये एंबुलेंस कोरोना व सामान्य मरीजों से सामान्य किराया ही अब तक ले रही थी। जिसे लेकर एंबुलेंस चालकों का अब तक कोई विवाद सामने नहीं आया था। बुधवार को सरकार द्वारा कोविड-19 के नियमों के तहत एंबुलेंस चालकों के लिए बड़ी प्राइवेट एंबुलेंस का सात रुपये प्रति किलोमीटर रेट तय कर दिया।

इससे पहले एंबुलेंस के प्राइवेट चालक 13 से 15 रुपये प्रति किलोमीटर के हिसाब से एंबुलेंस चला रहे थे। एंबुलेंस चालकों का कहना है कि पेट्रोल का रेट बढ़ा हुआ है। सरकार द्वारा तय किए गए रेट में किसी भी सूरत में एंबुलेंस नहीं चला सकते। कोरोना मरीजों के संपर्क में अपनी जान दाव पर लगा कर सेवा करते है। इसके बाद भी वह अपनी जेब से पेट्रोल का खर्च नहीं भर सकते। ऐसे में सरकार को उनके बारे में सोचना होगा।

प्राइवेट एंबुलेंस में मिलने वाली सुविधाएं

शहर में कुल 17 प्राइवेट एंबुलेंस है। इनमें दो आइसीयू लेश, 15 छोटी एंबुलेंस है। इनमें आक्सीजन सिलेंडर लगा होता है। वेंटिलेटर की सुविधा है। साथ ही दो सहायक चिकित्सा कर्मी मरीज के साथ एंबुलेंस में जाते है। इतनी सुविधा देने के बाद भी सरकार उनका किराया कम रही है। सरकार को यह फैसला वापस लेना चाहिए। सरकार से मांग है कि वह प्राइवेट एंबुलेंस चालकों का भी 50-50 लाख रुपये का कोविड-19 के तहत बीमा करे। मरीज से खर्चा कम लेते है तो सरकार अपनी तरफ से खर्चा एंबुलेंस का हमें दे। सरकार खुद बच रही है और हमारे ऊपर नियम थोप रही है। यह गलत है। बुधवार को पुराने रेट पर ही एंबुलेंस चलती रही है।

- प्रीतम सिंह, उपप्रधान, जिला प्राइवेट एंबुलेंस सेवा यूनियन भिवानी।

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