जान जोखिम में डालकर मरीजों की जान बचा रहे एंबुलेंस चालक
जागरण संवाददाता चरखी दादरी कोरोना काल में एंबुलेंस पर ड्यूटी देने वाले कर्मचारी खुद जोि
जागरण संवाददाता, चरखी दादरी : कोरोना काल में एंबुलेंस पर ड्यूटी देने वाले कर्मचारी खुद जोखिम उठाकर मरीजों की जान बचा रहे हैं। टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद एंबुलेंस कर्मियों को ही सबसे पहले मरीज से संपर्क करना होता है। जैसे ही आदेश मिलते हैं तो वे तुरंत एंबुलेंस लेकर बताए गए संक्रमित मरीज के घर पहुंच उसे एंबुलेंस में बैठाकर कोविड अस्पताल लाते हैं। दादरी जिले के गांव रासीवास निवासी एंबुलेंस चालक संदीप यही जिम्मेदारी पिछले एक साल से निभा रहे हैं। संदीप ने बताया कि परिवार से दूर रहकर और बीमारी के खौफ के बीच सेवा भाव से वे ड्यूटी दे रहे हैं। जब भी कंट्रोल रूम से पॉजिटिव मरीज की सूचना मिलती है तो वे अलर्ट हो जाते हैं और संक्रमण से खुद के बचाव के लिए मास्क, चश्मा और शू कवर इत्यादि पहनकर ही निकलते हैं। एक संक्रमित मरीज को कोविड अस्पताल तक पहुंचाने की प्रक्रिया में तीन से चार घंटे का समय लग जाता है। एंबुलेंस चालक संदीप ने बताया कि पॉजिटिव मरीज को कोविड अस्पताल पहुंचाने और वापसी के दौरान सुरक्षा के सभी मानकों का पालन करते हुए खुद को सुरक्षित रखते हैं। बाद में वे एंबुलेंस का सैनिटाइजेशन करने के साथ स्वयं भी गर्म पानी से स्नान करते हैं। इसके साथ ही कोरोना से बचाव के लिए इस्तेमाल की जाने वाली रोग प्रतिरोधक व इम्युनिटी बढ़ाने वाली दवाओं के साथ देशी इलाज से भी खुद को संक्रमण के खतरे से दूर रखने का प्रयास करते हैं। घर जाकर वे स्वजनों से भी शारीरिक दूरी बनाए रखते हैं।