हरे पर्दे से बना है रूकावट का दरवाजा, संसाधन पूरे

जागरण संवाददाता भिवानी कोरोना को हराने की लड़ाई में सबसे ज्यादा जरूरी है संसाधन। जिले म

By JagranEdited By: Publish:Sun, 18 Apr 2021 10:29 AM (IST) Updated:Sun, 18 Apr 2021 10:29 AM (IST)
हरे पर्दे से बना है रूकावट का दरवाजा, संसाधन पूरे
हरे पर्दे से बना है रूकावट का दरवाजा, संसाधन पूरे

जागरण संवाददाता, भिवानी : कोरोना को हराने की लड़ाई में सबसे ज्यादा जरूरी है संसाधन। जिले में तेजी से बढ़ रहे कोरोना संक्रमण को पार पाने और मरीज के सैंपल लेने के लिए लगी टीम को अभी पूरे संसाधन दिए गए हैं। सिविल अस्पताल में पोर्टेबल वेंटीलेटर के साथ नौ वेंटीलेटर की सुविधा भी मुहैया करवाई गई है। साथ ही फ्लू क्लीनिक में मास्क देने के साथ पीपीई किट और ग्लब्स दिए गए है। कोरोना आइसोलेशन वार्ड में जाने की किसी को इजाजत नहीं है। गैलरी में पर्दे का गेट बनाया गया तो सुरक्षा गार्ड तैनात है। उनके पास मास्क तो परंतु ग्लब्स नहीं दिखे। सिविल अस्पताल की पहली मंजिल पर ऑपरेशन थियेटर के साइड में आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है। वार्ड से पहले गैलरी में ही हरे पर्दे का गेट बनाकर उसको लगाया गया ताकि कोई उस तरफ न जा सके। यदि कोई मरीज का परिचित या अन्य व्यक्ति जाता है तो उसको रोकने के लिए दो सुरक्षा गार्ड भी तैनात है। सुरक्षा गार्ड के स्टॉफ के पास तक जाने की इजाजत है। उनके पास ग्लब्स नहीं दिखे लेकिन मास्क उनको दिए गए है। कोरोना संक्रमित ज्यादा आने के कारण अब पहला आइसोलेशन वार्ड भर गया है। उसमें अभी 26 कोरोना संक्रमित है। नया केस आया तो वार्ड 10 को किया तब्दील

कोरोना संक्रमण के केस बढ़ने पर अधिकतर को होम आइसोलेट किया जा रहा है। लेकिन कोरोना संक्रमित के ज्यादा तबीयत खराब होने पर उसे अस्पताल में रखा जाता है। एक वार्ड भरने पर शनिवार को वार्ड नंबर 10 यानी प्राइवेट वार्ड को आइसोलेशन सेंटर में तबदील कर दिया गया। उस वार्ड में अभी एक मरीज है। मरीज के पास जाने के लिए पहले उनके पास पीपीई किट नहीं थी तो स्टॉफ की तरफ से दूसरे वार्ड से मंगवाई गई। बाकी सामान भी वहां मंगवाया गया ताकि बाद में किसी चीज की जरूरत न पड़ें। फ्लू क्लीनिक पर ज्यादा भीड़

फ्लू क्लीनिक पर सैंपल लेने के लिए डाक्टरों की टीम के साथ स्टॉफ को लोगों की पर्ची काटने के लिए लगाया गया है। वहां पर सैंपल करवाने की भीड़ ज्यादा है। उनमें शारीरिक दूरी की पालना नहीं होती दिखती। स्टॉफ को एन95 मास्क के अलावा पूरा सामान दिया गया है। डाक्टरों व स्टॉफ का कहना है कि किसी सामान की कभी कोई कमी नहीं रही। लोकल परचेज का विकल्प

स्वास्थ्य विभाग के पास लोकल परचेज का विकल्प है। यदि किसी इमरजेंसी में उनको सामान की जरूरत पड़ती है तो विभाग को स्थानीय स्तर पर खरीद लेता है। यदि सामान के एक-दो दिन बाद तक स्टोर से मंगवाने में दिक्कत नहीं तो उसे मुख्य स्टोर से मंगवाया जाता है। पिछले वर्ष स्थानीय स्तर पर दो से तीन बार सामान को खरीदा गया था, लेकिन अब सामान मुख्य स्टोर से मंगाया जा चुका है। वेंटीलेटर चल रहे हैं। उनके पास अभी सिविल अस्पताल में नौ वेंटीलेटर हैं। मास्क, ग्लब्स, पीपीई किट सहित बाकी संसाधन पूरे है। कोरोना संक्रमण को देखते हुए पहले ही उनको मंगवा लिया गया है। स्टॉफ को किसी की कमी नहीं आने दी जा रही है। कोरोना मरीज को भी स्वास्थ्य जांच के बाद दवाइयों की पूरी किट दी जा रही है।

डा. सपना गहलावत, सिविल सर्जन, भिवानी

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