सरकार के सभी हथकंडे हुए नाकाम, किसान संगठन हुए एकजुट : योगेंद्र यादव

तीन नए कृषि कानूनों को रद करने की मांग कर रहे किसानों क

By JagranEdited By: Publish:Sat, 09 Jan 2021 07:49 PM (IST) Updated:Sat, 09 Jan 2021 07:49 PM (IST)
सरकार के सभी हथकंडे हुए नाकाम, किसान संगठन हुए एकजुट : योगेंद्र यादव
सरकार के सभी हथकंडे हुए नाकाम, किसान संगठन हुए एकजुट : योगेंद्र यादव

जागरण संवाददाता, चरखी दादरी : तीन नए कृषि कानूनों को रद करने की मांग कर रहे किसानों के आंदोलन को तोड़ने के लिए सरकार द्वारा अपनाए गए सभी हथकंडे फेल हो रहे हैं। किसान आंदोलन की शुरुआत से लेकर अभी तक किसानों से जुड़े सभी 400 संगठन एकजुट हैं। यह बात संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर चलाए जा रहे जन जागृति पखवाड़े के तहत शुक्रवार को दादरी पहुंचे जय किसान आंदोलन के संयोजक योगेंद्र यादव ने कही।

योगेंद्र यादव शुक्रवार को दादरी में पत्रकारवार्ता को संबोधित कर रहे थे। पत्रकारों से बात करते हुए योगेंद्र यादव ने कहा कि किसान शुरू से ही तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं। लेकिन सात दौर की वार्ता के दौरान सरकार किसानों के सात शब्द नहीं सुन सकी है। उन्होंने कहा कि यह आंदोलन पंजाब के किसानों ने शुरू किया था, लेकिन अब हरियाणा में भी आंदोलन गति पकड़ने लगा है। यादव ने प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला पर निशाना साधते हुए कहा कि यदि वे खुद को चौ. देवीलाल का वंशज बताते हैं तो उन्हें तुरंत किसानों के समर्थन में आकर अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए।

योगेंद्र यादव ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि वर्तमान में दिल्ली के टीकरी, सिघु व राजस्थान के शाहजहांपुर बार्डर पर हजारों की संख्या में किसान मौजूद हैं। यदि सरकार पैसेंजर ट्रेनों का आवागमन शुरू कर दें तो यहां पर किसानों की संख्या में काफी इजाफा हो जाएगा। इस दौरान जय किसान आंदोलन के प्रदेश अध्यक्ष युद्धवीर सिंह अहलावत, महासचिव दीपक लांबा, दलीप सिंह, एडवोकेट संजीव गोदारा, विशाल डूडेजा, सुमित सुहाग, राजा गोदारा इत्यादि भी उपस्थित थे। तिरंगे की शान को नहीं होने देंगे कम : यादव

उन्होंने अपील करते हुए कहा कि 26 जनवरी को दिल्ली में होने वाली किसान परेड के लिए प्रत्येक गांव से कम से कम पांच ट्रैक्टर-ट्राली, हर घर से कम से कम एक सदस्य तथा प्रत्येक गांव से 11 महिलाएं जरुर पहुंचे। उन्होंने कहा कि 26 जनवरी को भी आंदोलन पूरी तरह अहिसक व लोकतांत्रिक तरीके से होगा। तिरंगे की शान को कम नहीं बल्कि और ऊंचा किया जाएगा।

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