जमीन की उर्वरा शक्ति बढ़ाने पर कृषि विभाग ने दिया जोर, ढैंचा बिजाई करके बढ़ाएं उर्वरा

जागरण संवाददाता,भिवानी : कृषि विभाग ने जमीन की उर्वरा शक्ति बढ़ाने पर जोर दिया है। फिलहाल

By JagranEdited By: Publish:Tue, 08 May 2018 08:12 PM (IST) Updated:Tue, 08 May 2018 08:12 PM (IST)
जमीन की उर्वरा शक्ति बढ़ाने पर कृषि विभाग ने दिया जोर, ढैंचा बिजाई करके बढ़ाएं उर्वरा
जमीन की उर्वरा शक्ति बढ़ाने पर कृषि विभाग ने दिया जोर, ढैंचा बिजाई करके बढ़ाएं उर्वरा

जागरण संवाददाता,भिवानी : कृषि विभाग ने जमीन की उर्वरा शक्ति बढ़ाने पर जोर दिया है। फिलहाल विभाग किसानों को 75 फीसद सब्सिडी पर ढैंचा का बीज मुहैया करवा रही है। ताकि किसान ढैंचा की बिजाई करके जमीन की उर्वरा शक्ति को बढ़ा सके। किसानों को ढैंचा का बीज पहले आओ-पहले पाओ की नीति के आधार पर दिया जाएगा। इसको लेकर विभाग अभियान भी चला रहा है। जमीन की घटती उर्वरा शक्ति से पैदावार पर काफी प्रभाव पड़ता है। ऐसे में किसानों को पैदावार बढ़ाने के लिए उर्वरा शक्ति बढ़नी आवश्यक है। कृषि विभाग के उपमंडल अधिकारी डॉ. सत्यवीर शर्मा ने कहा कि विभाग किसानों को ढैंचा का बीज 75 फीसद अनुदान पर दे रही है। पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर इस स्कीम के तहत ढैंचा का बीज लेने के लिए किसानों को आधार कार्ड दिखाना होगा। एक किसान सब्सिडी पर दो एकड़ का ही बीच ले सकता है। एक एकड़ में बिजाई के लिए 12 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होती है। एक किसान को दो एकड़ के लिए 24 किलो ढैंचा का बीच मिलेगा।

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जिले में ये है जमीन

ब्लाक कुल जमीन कृषि योग्य भूमि

भिवानी 81009 71208

तोशाम 54201 48283

बवानीखेड़ा 38485 35174

कैरू 34365 30814

दादरी-1 43088 39097

दादरी-2 45136 39447

बाढ़डा 48858 44052

लोहारू 40178 34133

बहल 28124 25198

सिवानी 54350 48620

कुल 467794 416026

नोट : सभी आंकड़े हेक्टेयर में हैं।

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रासायनिक खाद का भी पड़ रहा है दुष्प्रभाव

किसान अच्छी फसल लेने के लिए खेत में नाइट्रोजन व फासफोरस युक्त खाद डालते हैं। फसलें केवल रासायनिक खादों के एक तिहाई हिस्से को ही ग्रहण कर पाती हैं, बाकि जमीन में ही रहती है। जमीन में जैविक पदार्थों की कमी होने से खेत में डाली गई नाइट्रोजन युक्त खाद ऊपर नहीं रहती और नीचे चली जाती है। इससे जमीन का पानी भी खराब होता है। वहीं जमीन की उर्वरा शक्ति भी प्रभावित होगी। फासफोरस खाद के कारण भी जमीन की उर्वरा शक्ति घटती है।

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40-45 दिन का लगेगा समय

किसान ढैंचा की फसल 40 से 45 के लिए ही बिजाई की जाती है। बिजाई के 40-45 दिन बाद किसानों को ढैंचा की खड़ी फसल पर हैरो चलानी होती है। ताकि ढैंचा जमीन में मिलकर उर्वरा शक्ति बढ़ा सके। इसके कुछ समय बाद इसका असर भी दिखने लगता है।

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जमीन में लंबे समय तक नहीं रहती नमी

जमीन में जैविक पदार्थों की कमी आने के कारण जमीन में पानी सोखने की क्षमता भी कम हो जाती है। ऐसे में बारिश व ¨सचाई के बाद जमीन में लंबे समय तक नमी नहीं रहती। इससे फसल तैयार करने के लिए अधिक ¨सचाई करनी पड़ती है।

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विभाग किसानों को जमीन की उर्वरा शक्ति को बढ़ाने के लिए 75 फीसद अनुदान पर ढैंचा का बीज दे रही है। किसान इसके लिए आधार कार्ड के माध्यम से बीज प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर बीज वितरित किया जाएगा। विभाग किसानों को उर्वरा शक्ति के प्रति जागरूक करने के लिए भी कार्य कर रही है।

डा. सत्यवीर शर्मा, उपमंडल कृषि अधिकारी, भिवानी।

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