भारी बारिश से खरीफ की बर्बाद फसलों की कृषि विभाग ने नहीं ली सुध, किसानों में रोष
संवाद सहयोगी बाढड़ा उपमंडल बाढड़ा में भारी बरसात से किसानों की कपास व बाजरे की फसले
संवाद सहयोगी, बाढड़ा : उपमंडल बाढड़ा में भारी बरसात से किसानों की कपास व बाजरे की फसलें पूरी तरह खराब हो गई हैं। गांव जेवली के किसानों ने खेतों में खराब हुई फसलों की हालत देखते हुए कृषि विभाग द्वारा सुध न लेने पर कड़ा रोष जताया है तथा प्रभावित क्षेत्र में स्पेशल गिरदावरी कर मुआवजे की मांग की है। गांव जेवली के सरपंच प्रेम जांगड़ा, जयसिंह, मनोज कुमार, अनूप सिंह, राहुल, बलबीर सिंह, कर्मबीर सिंह, राजपाल इत्यादि ने बताया कि उन्होंने महंगे भाव के खाद बीज लेकर अपने खेतों में कपास व बाजरे की बुआई की थी।लेकिन बरसात के कारण उनकी सारी मेहनत मिट्टी में मिल गई है। उनके खेतों में एक सप्ताह पहले तक हरी भरी खड़ी कपास व बाजरे की फसलों में अब कालापन छा गया है। उन्होंने इस बारे में कृषि विभाग को सूचित किया तो उनकी टीम गांव में आई लेकिन उच्चाधिकारियों द्वारा आदेश न मिलने के कारण वह कोई रिपोर्ट नहीं भेज सकी। किसानों ने बताया कि अब पकाई के समय अचानक सारी फसल खराब होने से उनको काफी नुकसान हुआ है। भाकियू अध्यक्ष धर्मपाल बाढड़ा, महासचिव हरपाल भांडवा इत्यादि ने बीमा कंपनियों व उसके साथ गांव की रिपोर्ट तैयार करने वाले कृषि विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों पर भी उनकी बात ना सुनने का आरोप लगाया है। फसलों पर पड़ा प्रतिकूल प्रभाव
उपमंडल बाढड़ा की भूमि में लगातार फसल उत्पादन करने से पोटाश जिक सल्फर जैसे खनिज पदार्थों की कमी से में पिछले पांच सालों से सरसों, गेहूं, बाजरा, कपास इत्यादि फसलों की अंतिम पकाई के समय पौधों का झुलसना आम बात हो गई है। चने की बिजाई तो मात्र पांच फीसद ही रह गई है। मिट्टी की उत्पादन क्षमता में लगातार गिरावट से इसकी जांच या किसानों को जागृत करने में कृषि विभाग पूरी तरह उदासीनता बरत रहा है।