डीआइटीएस की जांच के बाद लाखों रुपये अनियमितताएं हुई उजागर, भ्रष्टाचार की शिकायत पर डीसी ने लिया एक्शन

दादरी के उपायुक्त राजेश जोगपाल ने जिले में भ्रष्टाचार पर कड़

By JagranEdited By: Publish:Fri, 05 Mar 2021 08:11 AM (IST) Updated:Fri, 05 Mar 2021 08:11 AM (IST)
डीआइटीएस की जांच के बाद लाखों रुपये अनियमितताएं हुई उजागर, भ्रष्टाचार की शिकायत पर डीसी ने लिया एक्शन
डीआइटीएस की जांच के बाद लाखों रुपये अनियमितताएं हुई उजागर, भ्रष्टाचार की शिकायत पर डीसी ने लिया एक्शन

जागरण संवाददाता, चरखी दादरी : दादरी के उपायुक्त राजेश जोगपाल ने जिले में भ्रष्टाचार पर कड़ा संज्ञान लेते हुए डिस्ट्रिक्ट इंफोर्मेशन टेक्नोलोजी सोसाइटी, डीआइटीएस की वित्तीय मदों की जांच करवाई है। जिसमें लाखों रुपये की अनियमितताएं सामने आई हैं। भ्रष्टाचार की शिकायत मिलने पर उपायुक्त ने बाढड़ा के एसडीएम शंभू राठी को डीआइटीएस में वित्तीय मदों की जांच का जिम्मा सौंपा था।

गौरतलब है कि सरकार के निर्देशानुसार किसी भी जिले का उपायुक्त संबंधित जिले की डीआइटीएस का चेयरमैन होता है। दादरी के उपायुक्त राजेश जोगपाल ने बताया कि डीआइटीएस के अकाउंटेंट द्वारा पिछले कुछ महीनों से उनके सामने सोसाइटी का लेखा रिकार्ड प्रस्तुत नहीं किया जा रहा था। ऐसे में उन्हें कुछ संदेह हुआ। जिस पर उन्होंने तुरंत कड़ा संज्ञान लेते हुए बाढड़ा एसडीएम शंभू राठी को प्रारंभिक तौर पर सोसायटी के पिछले तीन महीने के लेखा रिकार्ड की जांच करने के आदेश दिए थे।

उपायुक्त द्वारा आदेश दिए जाने के बाद एसडीएम शंभू राठी द्वारा सोसायटी के अकाउंट्स की जांच करने के बाद रिपोर्ट उपायुक्त को सौंपी गई। जांच के दौरान सामने आया कि डीआइटीएस द्वारा विभिन्न सेवाओं की एवज में अधिक रुपये इकट्ठे किए गए, लेकिन बैंक में कम राशि जमा करवाई गई। इस दौरान करीब आठ लाख 90 हजार रुपये की अनियमितताएं सामने आई हैं। ये अनियमितताएं मिलीं

उपायुक्त राजेश जोगपाल ने बताया कि एसडीएम शंभू राठी द्वारा की गई जांच में सामने आया है कि डीआइटीएस द्वारा काटी गई कई रसीदें गायब हैं। इसके अलावा कई रसीदें फटी हुई मिली हैं। उन्होंने बताया कि जांच में यह भी सामने आया है कि कई रसीदों पर दोबारा से लिखा गया है तथा कई रसीदें दोबारा से बनाई गई हैं। उपायुक्त राजेश जोगपाल के अनुसार डीआइटीएस द्वारा एक दिन में एकत्रित किए गए रुपयों को हर हाल में अगले दिन सुबह तक बैंक में जमा करवाना होता है, लेकिन जांच में सामने आया है कि डीआइटीएस के कर्मचारियों द्वारा इस नियम की पालना न करते हुए कई-कई दिन बाद रुपये बैंक में जमा करवाए गए हैं। सरल केंद्र में तैनात हैं कर्मचारी

उल्लेखनीय है कि सरकार द्वारा डिजिटलाइजेशन को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसी के तहत विभिन्न सरकारी सेवाओं को भी ऑनलाइन किया गया है। इसी उद्देश्य के लिए सरल केंद्रों की स्थापना की गई है। सरल केंद्रों में अधिकांश कर्मचारी डीआइटीएस के माध्यम से ही तैनात होते हैं। डीआइटीएस के कार्यों में मुख्य रूप से आपरेटर, कंप्यूटर सिस्टम उपलब्ध करवाना शामिल है। इनके अलावा सरल केंद्र में जमीनों की रजिस्ट्री, ड्राइविग लाइसेंस, मोटर वाहन रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट इत्यादि बनाने की एवज में डीआइटीएस द्वारा सर्विस शुल्क लिया जाता है। सोसाइटी गठन से अब तक की होगी जांच : उपायुक्त

उपायुक्त राजेश जोगपाल ने बताया कि एसडीएम शंभू राठी द्वारा दी गई रिपोर्ट के आधार पर उन्होंने चरखी दादरी डीआइटीएस के गठन से लेकर अब तक की वित्तीय मदों की जांच करवाने का निर्णय लिया है। इसके लिए हरियाणा सरकार द्वारा नामित रोहतक पीजीआइएमएस के सेवानिवृत्त निदेशक एवं हरियाणा सरकार के मेडिको लीगल एडवाइजर डा. डीआर यादव को जांच अधिकारी नियुक्त कर दिया है। उपायुक्त के जांच अधिकारी नियुक्ति के आदेशों के अनुसार डा. यादव 10 दिनों में अपनी रिपोर्ट देंगे और इस कार्य के लिए वे किसी वरिष्ठ सेवानिवृत्त अधिकारी का सहयोग भी ले सकते हैं। किन कर्मचारियों द्वारा अनियमितताएं बरती गई हैं, पूरी जांच के बाद स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।

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