लोहारू के गांव बरालू में 60 बैग नकली डीएपी पकड़ी

प्रदेश में डीएपी खाद आपूर्ति की अव्यवस्था के बीच नकली खाद बेचने वाला माफि

By JagranEdited By: Publish:Wed, 17 Nov 2021 08:34 AM (IST) Updated:Wed, 17 Nov 2021 08:34 AM (IST)
लोहारू के गांव बरालू में 60 बैग नकली डीएपी पकड़ी
लोहारू के गांव बरालू में 60 बैग नकली डीएपी पकड़ी

संवाद सहयोगी, लोहारू : प्रदेश में डीएपी खाद आपूर्ति की अव्यवस्था के बीच नकली खाद बेचने वाला माफिया भी सक्रिय हो गए हैं। खाद की हुबहू पैकिग में नकली खाद बाजारों में आ गई है। कृषि विभाग की सहायता से लोहारू पुलिस ने मंगलवार को क्षेत्र के गांव बरालू में पिकअप वाहन में 60 बैग नकली खाद सहित दो आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया।

उपमंडल कृषि अधिकारी ईश्वर सिंह ने बताया कि गांव बुढेड़ी निवासी आजाद ने गांव बरालू में खाद-बीज की दुकान कर रखी है। मंगलवार को आजाद ने उनके मोबाइल पर फोन किया कि कोई शख्स सस्ते रेट में उसे डीएपी बेचने के लिए आया हुआ है। यह डीएपी खाद उसे नकली प्रतीत हो रही है। इसकी जांच की जाए।

इस पर उपमंडल कृषि अधिकारी अपने कृषि विकास अधिकारी सुरेंद्र सिंह व टीए विनोद कुमार के साथ तत्काल बरालू में मौके पर पहुंच गए। उन्होंने वहां पिकअप में लदी हुई खाद के एक बैग से कुछ सैंपल लिए और उसकी जांच की। जांच में यह खाद नकली पाई गई।

एसडीओ ने बताया कि सभी कट्टे इफको कंपनी के नाम से थे और हुबहू इफको कंपनी के असली कट्टों की तरह दिख रहे थे। इसकी सूचना उन्होंने लोहारू पुलिस थाने में दी। पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। एसडीओ की शिकायत पर पुलिस ने 60 बैग नकली डीएपी और पिकअप वाहन को अपने कब्जे में ले लिया। साथ ही आरोपित उमरा गांव निवासी प्रीतम व वाहन चालक राजेंद्र को गिरफ्तार कर लिया।

रबी फसलों की बिजाई के लिए डीएपी या इसकी विकल्पीय खाद जरूरी होती है। खाद पाने के लिए लोहारू क्षेत्र में किसानों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। 1200 रुपये के सरकारी रेट वाला डीएपी का प्रति कट्टा 100 से 200 रुपये की कालाबाजारी से बिक रहा है। मजबूर किसानों को ब्लैक में रुपये देने के बाद भी डीएपी नहीं मिल पा रहा है। लोहारू की अनाज मंडी में सरकारी एजेंसी सहित कुल छह खाद विक्रेता हैं। लेकिन यहां पर खाद पाने के लिए किसानों को आधी रात को ही आकर कतारों में खड़ा रहना पड़ता है। उसके बाद भी दिनभर खाद किसान को मिल जाए, इसका कोई भरोसा नहीं होता। इस हालत में अब बाजारों में नकली डीएपी खाद आने से किसान चिंतित हैं।

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