डार्क जोन में टयूबवेल कनेक्शन के लिए उमड़ी किसानों की भीड़, आठ दिन में 1280 ने किया आवेदन

संवाद सहयोगी बाढड़ा दक्षिणी हरियाणा बिजली वितरण निगम द्वारा 15 जुलाई को 10 वर्ष से बंद पड

By JagranEdited By: Publish:Fri, 30 Jul 2021 05:22 AM (IST) Updated:Fri, 30 Jul 2021 05:22 AM (IST)
डार्क जोन में टयूबवेल कनेक्शन के लिए उमड़ी किसानों की भीड़, आठ दिन में 1280 ने किया आवेदन
डार्क जोन में टयूबवेल कनेक्शन के लिए उमड़ी किसानों की भीड़, आठ दिन में 1280 ने किया आवेदन

संवाद सहयोगी, बाढड़ा : दक्षिणी हरियाणा बिजली वितरण निगम द्वारा 15 जुलाई को 10 वर्ष से बंद पड़े ट्यूबवेल कनेक्शनों को दोबारा शुरु करने के आदेश जारी होते ही किसानों में पहले कनेक्शन लेने की होड़ सी मच गई है। बड़े रकबेधारकों के साथ ही मात्र एक से दो एकड़ वाले किसान भी आवेदन करने में जुटे हैं। जिससे मात्र आठ दिन में बाढड़ा, झोझूकलां कार्यालयों में 1280 किसानों ने आवेदन किया है। बिजली कनेक्शनों के लिए भूमि व अन्य दस्तावेज पूरा करने के लिए तहसील कार्यालय व पटवार घरों में किसानों की भारी भीड़ नजर आ रही है। प्रदेश के दक्षिणी रेतीले क्षेत्र में भूमिगत जल का अत्यधिक दोहन सरकार व आमजन के गले की फांस हो गया है। राजस्थान की तरह भूमिगत जल की सतह में कमी आने के बाद केंद्रीय भूजल बोर्ड ने वर्ष 2011 में इस हिस्से समेत प्रदेश के लगभग 90 खंडों को डार्कजोन एरिया घोषित कर वहां पर नए बोर बनाकर भूमिगत पानी के सिचाई के लिए प्रयोग करने पर प्रतिबंध लगाते हुए बिजली विभाग से उस तिथि तक आवेदन करने वाले किसानों को ही कनेक्शन देने व नए कनेक्शन जारी करने पर रोक लगा दी थी। जिसके बाद से क्षेत्र में नए कनेक्शनों के लिए मारामारी का माहौल बना हुआ है। नहरी पानी की कमी से जूझ रहे बाढड़ा,अटेला, झोझू, बेरला कादमा इत्यादि क्षेत्रों में लगभग बीस हजार से अधिक टयूबवेलों के संचालन से ही कृषि सिचाई निर्भर है। पिछले दिनों किसानों के रोष प्रदर्शन के बाद सरकार ने इस क्षेत्र में अपने पुराने फैसले को रद्दी करते हुए आनन फानन में अब सौ फिट से गहराई वाले क्षेत्रों में सूक्ष्म सिचाई योजना अपनाने व अधिकतम पैंतीस हार्स पावर वाली मशीनों के प्रयोग करने जैसी दो नई शर्तों के साथ नए बोर को संचालन करने के लिए कनेक्शन जारी करने की अनुमति पत्र जारी कर दिया है। जिसके बाद मात्र 8 दिनों में ही बिजली विभाग के बाढड़ा एसडीओ कार्यालय के चालीस गांवों से 603, झोझूकलां क्षेत्र से 502 व अटेला क्षेत्र के बीस गांवों से 160 किसानों ने आवेदन किया है।

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