व‌र्ल्ड ओरल हेल्थ डे पर स्वयंसेविकाओं को दांतों की सफाई कराते रहने पर दिया जोर

दुनिया में 20 मार्च को व‌र्ल्ड ओरल हेल्थ डे मनाया जाता है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 21 Mar 2021 06:30 AM (IST) Updated:Sun, 21 Mar 2021 06:30 AM (IST)
व‌र्ल्ड ओरल हेल्थ डे पर स्वयंसेविकाओं को दांतों की सफाई कराते रहने पर दिया जोर
व‌र्ल्ड ओरल हेल्थ डे पर स्वयंसेविकाओं को दांतों की सफाई कराते रहने पर दिया जोर

दुनिया में 20 मार्च को व‌र्ल्ड ओरल हेल्थ डे मनाया जाता है। जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़:

व‌र्ल्ड ओरल हेल्थ डे पर वैश्य बीएड में जूम मीटिग के द्वारा जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन एनएसएस व वाइआरसी प्रकोष्ठ द्वारा किया गया। दुनिया में 20 मार्च को व‌र्ल्ड ओरल हेल्थ डे मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का मकसद सिर्फ लोगों में दांतों के हेल्थ के लिए जागरूक करना है। कार्यक्रम की शुरुआत डा. सुनीता नारंग, सुनीता रानी व दिव्या बंसल ने द्वीप प्रज्ज्वलित कर की। सिविल अस्पताल के सीनियर डेंटल सर्जन डा. अतुल शर्मा ने छात्राओं को बताया कि दांतों में सड़न, कीड़े लगना जैसी समस्या मुंह में मौजूद एसिड के कारण होती हैं। इस वजह से दांतों के इनेमल खोखले होने लगते हैं और यहीं कारण है कि कैविटी का निर्माण होता है। इसके अलावा मुंह में मौजूद बैक्टीरिया दांतों की सतह पर जमा होने लगते हैं, जिसे प्लॉक कहा जाता है। जागरूकता की कमी के चलते करीब 70 फीसदी लोग ऐसे हैं जो पांच सालों में एक बार भी अपने दांतों की जांच नहीं कराते हैं। करीब 90 फीसदी लोग ऐसे हैं जो दिनभर में एक बार अपने दांतों की सफाई करते हैं। करीब 80 फीसद लोग ऐसे हैं जो दांतों की अलग-अलग बीमारियों से घिरे हुए हैं। मुंह का कैंसर जिसे ओरल कैंसर भी कहा जाता हैं। भारत में करीब 30 फीसद ओरल कैंसर के मरीज होते हैं, जो कि एडवांस स्टेज में ही सामने आते हैं। लापरवाही इसका एक मात्र कारण है। यदि समय पर दातों की जांच कराई जाए तो कैंसर को प्राथमिक स्टेज पर ही रोका जा सकता है। महाविद्यालय की भावी अध्यापिकाओं ने डा. अतुल शर्मा से अपने सवाल पूछकर अपनी शंकाओं का समाधान किया। महाविद्यालय की डा. सुनीता नारंग ने कहा कि जिस तरह पेट, ह्रदय, आंख, कान, नाक संबंधी बीमारियों के प्रति लोग जागरूकता रखते हैं, अब समय है कि लोग मौखिक स्वास्थ्य के प्रति भी जागरूक हो जाएं। इसके कार्यक्रम के साथ ही इंटरनेशनल डे आफ हैप्पीनेस पर भावी अध्यापिकाओं ने सभी प्रवक्तागणों को स्माइली वितरित किए व प्रार्थना सभा में खुश रहने के तरीके साझा किए।

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