करीब 37 लाख रुपये की लागत से पांच वार्डों में बनेंगे स्वागत द्वार: शीला राठी

- वार्ड 1 14 15 24 व 30 में बनेंगे स्वागत द्वार

By JagranEdited By: Publish:Sat, 19 Jun 2021 06:20 AM (IST) Updated:Sat, 19 Jun 2021 06:20 AM (IST)
करीब 37 लाख रुपये की लागत से पांच वार्डों में बनेंगे स्वागत द्वार: शीला राठी
करीब 37 लाख रुपये की लागत से पांच वार्डों में बनेंगे स्वागत द्वार: शीला राठी

- वार्ड 1, 14, 15, 24 व 30 में बनेंगे स्वागत द्वार

- वार्ड 30 के 66 फुटा रोड पर सरदार वल्लभ भाई पटेल के नाम से बनेगा द्वार फोटो-7 व 8: जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़:

नगर परिषद की चेयरपर्सन शीला राठी ने बताया कि शहर के पांच वार्डों में करीब 37 लाख रुपये की लागत से स्वागत द्वार बनाए जाएंगे। स्वागत द्वारों का निर्माण करने के लिए नप की ओर से वर्क आर्डर जारी कर दिए गए हैं। बहुत जल्द ही इनका निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा और जल्द ही ये द्वार बनकर तैयार हो जाएंगे। वार्ड 1, 14, 15, 24 व 30 में अलग-अलग स्थानों पर ये स्वागत द्वार बनाए जाएंगे। स्वागत द्वार बनने से वार्ड की एक अलग ही पहचान बन जाएगी। वार्डों के पार्षदों और आम जनता की मांग पर ये स्वागत द्वार बनाए जा रहे हैं। चेयरपर्सन शीला राठी ने बताया कि वार्ड 30 में 66 फुटा रोड के मुहाने पर सरकार वल्लभ भाई पटेल के नाम से स्वागत द्वार बनाया जाएगा। इसके लिए करीब 10 लाख रुपये का टेंडर पिछले दिनों छोड़ा गया है। अब इस कार्य को पूरा करने के लिए वर्क आर्डर भी दे दिया गया है। शीला राठी ने बताया कि वार्ड एक में चार लाख 22 हजार की लागत से तथा वार्ड 15 में साढ़े पांच लाख रुपये की लागत से महर्षि वाल्मीकि स्वागत द्वार बनाए जाएंगे। वार्ड 14 में भी करीब 8 लाख 86 हजार रुपये की लागत से सेक्टर नौ की तरफ स्वागत द्वार बनाया जाएगा। शीला राठी ने बताया कि वार्ड 24 में साढ़े आठ लाख रुपये की लागत से स्वागत द्वार बनाया जाएगा। शीला राठी ने बताया कि इन सभी स्वागत द्वारों के लिए वर्क आर्डर दे दिए गए हैं। संबंधित ठेकेदारों की ओर से जल्द ही इनके निर्माण के लिए काम शुरू किया जाएगा। ठेकेदारों को गुणवत्ता पूर्वक ढंग से स्वागत द्वारों का निर्माण करने की हिदायत दी गई है। शीला राठी ने बताया कि पूरे शहर में नगर परिषद की ओर से विकास कार्य कराए गए हैं। अब भी यह सिलसिला अनवरत जारी है। शहर में उनके कार्यकाल में कहीं पर भी कोई विकास कार्य की कमी नहीं रहने दी गई। जहां से भी आमजन व पार्षदों की मांग किसी काम के लिए आई तो उसे प्राथमिकता के आधार पर करवाया गया।

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