टिकैत के कथन किसान नेताओं को कर रहे असहज
जिले में ही दो किसान अपनी कुछ रकबे में गेहूं की फसल को नष्ट कर चुके हैं।
जिले में ही दो किसान अपनी कुछ रकबे में गेहूं की फसल को नष्ट कर चुके हैं। जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़
आंदोलन का चेहरा बनकर उभरे भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत के कथन किसान नेताओं को असहज कर रहे हैं। फसल को नष्ट करने से संबंधित कथन के कारण कई जगहों पर किसान यह कदम उठा चुके हैं। झज्जर जिले में ही दो किसान अपनी कुछ रकबे में गेहूं की फसल को नष्ट कर चुके हैं। हालांकि इस कदम को खाप प्रतिनिधि भी गलत मान रहे हैं और संयुक्त मोर्चा के नेता भी यह साफ कर चुके हैं कि इस तरह का आह्वान और फैसला सामूहिक नहीं है। दिक्कत यह भी हो रही है कि बार-बार राकेश टिकैत के कथन के बाद संयुक्त मोर्चा के नेताओं को यह कहना पड़ता है अमुक विचार टिकैत का निजी है। इस बीच रविवार को संयुक्त मोर्चा की ओर से आगामी रणनीति के एलान की संभावना थी, लेकिन फिलहाल यह बैठक टल गई। दरअसल, सरकार से वार्ता को लेकर बने गतिरोध के बीच अब किसानों को भी संयुक्त मोर्चा की ओर से प्रभावी कदम उठाए जाने का इंतजार है। नए दौर की बातचीत के इंतजार में एक माह से ज्यादा समय बीत चुका है। ऐसे में आंदोलन को धार देकर सरकार पर दबाव बनाने के लिए विचार विमर्श किया जाना है। गर्मी के मौसम में गंदगी और मच्छरों से निपटने की चुनौती होगी ज्यादा:
माना जा रहा है कि गर्मी के मौसम में आंदोलन स्थल पर स्वच्छता की ज्यादा दरकार होगी। अब मौसम में बदलाव के कारण मच्छरों के कारण भी परेशानी आएगी। इसके लिए इंतजाम किए जा रहे हैं। खालसा एड की तरफ से आंदोलन स्थल पर रोजाना फॉगिग करवाई जा रही है। आंदोलन स्थल पर डटे डाक्टर भी मान रहे हैं कि अब स्वच्छता की तरफ ज्यादा ध्यान देना होगा। कैलिफोर्निया से आए डा. स्वाईमान सिंह का कहना है कि अब तापमान बढ़ रहा है। ऐसे में मच्छर भी पनपेंगे और गंदगी भी ज्यादा परेशान कर सकती है।