सिविल अस्पताल में नहीं हो रही थायराइड की जांच, विशेषज्ञ चिकित्सक न होने से गंभीर मरीजों को तुरंत कर दिया जाता है रेफर

नागरिक अस्पताल में चिकित्सा संसाधनों का घोर अभाव है। यहां गंभीर मरीजों को बेहतर सुविधाएं मिलना तो दूर बल्कि अस्पताल की लैब में सभी जांच की सुविधा तक उपलब्ध नहीं है। यहां तक कि थायराइड की जांच तक नहीं होती।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 25 Sep 2020 10:00 AM (IST) Updated:Fri, 25 Sep 2020 10:00 AM (IST)
सिविल अस्पताल में नहीं हो रही थायराइड की जांच, विशेषज्ञ चिकित्सक न होने से गंभीर मरीजों को तुरंत कर दिया जाता है रेफर
सिविल अस्पताल में नहीं हो रही थायराइड की जांच, विशेषज्ञ चिकित्सक न होने से गंभीर मरीजों को तुरंत कर दिया जाता है रेफर

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : नागरिक अस्पताल में चिकित्सा संसाधनों का घोर अभाव है। यहां गंभीर मरीजों को बेहतर सुविधाएं मिलना तो दूर बल्कि अस्पताल की लैब में सभी जांच की सुविधा तक उपलब्ध नहीं है। यहां तक कि थायराइड की जांच तक नहीं होती। ऐसे में हर रोज इस तरह की जांच कराने के लिए आने वाले 20 से 30 मरीजों को निजी लैब या अस्पतालों में जाकर जांच करवाने के लिए मजबूर होना पड़ता है। लोगों ने स्वास्थ्य मंत्री से बहादुरगढ़ के सिविल अस्पताल में बेहतर सेवाएं उपलब्ध कराने की मांग की है ताकि लोगों को कोरोना काल के बीच किसी भी तरह से इधर-उधर न भटकना पड़े। ट्रामा सेंटर को बनाया कोविड सेंटर, सुविधा नहीं दी

सिविल अस्पताल में ट्रामा सेंटर भी बना हुआ है लेकिन उसमें सुविधाओं का टोटा ही रहता है। इस बिल्डिग में अस्पताल की इमरजेंसी सेवाएं चलती रही, लेकिन जब से कोविड-19 महामारी शुरू हुई तो उस दौरान से ट्रामा सेंटर की बिल्डिग में जो इमरजेंसी सेवाएं चल रही थीं, उसे अस्पताल की पुरानी बिल्डिग में शिफ्ट कर दिया गया। ट्रामा सेंटर बिल्डिग को कोविड-19 के लिए अलग से वार्ड बना दिया गया। यहां पर कोरोना संभावित मरीजों के सैंपल लेने से लेकर संक्रमितों को भर्ती रखने तक की व्यवस्था अलग से की हुई है। कोविड-19 के चलते यहां अलग से आइसोलेशन वार्ड तक बनाया हुआ है। अस्पताल की इमरजेंसी की बात करें तो यहां पर कई बार तो स्थिति यह तो हो जाती है कि बिजली गुल रहने के दौरान बीपी ऑपरेटर मशीन तक नहीं चल पाती। अस्पताल में नहीं विशेषज्ञ चिकित्सीय सुविधाएं, कार्डिक पैथ लैब व पाइप लाइन ऑक्सीजन की मांग

अस्पताल में ओपीडी दौरान व इमरजेंसी में अकसर हृदय रोग से पीड़ित मरीज भी खूब इलाज के लिए आते हैं। कुछ को अचानक सांस लेने में दिक्कत, घबराहट, पसीना व सीने में दर्द की शिकायत होते हुए पूरी जांच की सुविधा नहीं मिल पाती। ऐसी स्थिति में यहां पर कार्डिक पैथ लैब, ईसीजी की बेहतर सुविधा, हर बेड पर कार्डिक मॉनिटर व पाइप लाइन आक्सीजन की सुविधा उपलब्ध होनी चाहिए। इसके अलावा यहां पर 24 घंटे एक्सरे व लैब जांच भी शुरू होनी चाहिए। यही नहीं न्यूरो सर्जन, हड्डी रोग व सर्जरी रोग के डाक्टर की नियमित सेवाएं यहां रहनी चाहिए। हालांकि अस्पताल में हड्डी व सर्जरी विभाग के डाक्टर जरूर मौजूद है लेकिन इमरजेंसी में ऑन कॉल ही वे मौजूद होते हैं, लेकिन उनकी सेवाएं शाम व रात के समय कितनी मिल पाती है यह अपने आप में सवाल खड़ा कर रहा है। ब्लड बैंक की जरूरत

यहां पर ब्लड बैंक की बेहद कमी भी खल रही है। सड़क दुर्घटनाओं व अन्य गंभीर मरीजों को कई बार रक्त की जरूरत होती है तो समय पर उनके ही ग्रुप का रक्त न मिलने पर उनकी जान को भी खतरा बन जाता है। कई सामाजिक संगठनों ने पूर्व में प्रदेश सरकार व स्वास्थ्य मंत्री से मिलकर बहादुरगढ़ के अस्पताल में ब्लड बैंक खोले जाने की पुरजोर मांग की हुई है, मगर इसको लेकर अभी तक स्थिति पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हो पाई है। हालांकि ब्लड बैंक को लेकर कागजी प्रक्रिया जरूर की जा रही है। मैंने कुछ दिनों पहले ही यहां पर ज्वाइन किया है। अस्पताल में जिन सुविधाओं की दरकार है और उन्हें पूरा करने के लिए पूरी रूपरेखा तैयार की जा रही है। जल्द ही यहां पर ब्लड बैंक खोला जाएगा। लैब में जो जांच नहीं हो रही उनको लेकर प्राइवेट लैब से एमओयू किया जाएगा ताकि उचित दर पर मरीजों की जांच हो सकें।

डा. प्रदीप शर्मा, प्रधान चिकित्सा अधिकारी, सिविल अस्पताल, बहादुरगढ़।

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