इंसानियत की स्याही से लिख रहे जीवन बचाने की गाथा

-अंजान लोगों के लिए भी रक्तदान करके जीवन की डोर को मजबूत बना रहे बहादुरगढ़ के रक्तवीर

By JagranEdited By: Publish:Mon, 14 Jun 2021 07:55 AM (IST) Updated:Mon, 14 Jun 2021 07:55 AM (IST)
इंसानियत की स्याही से लिख रहे जीवन बचाने की गाथा
इंसानियत की स्याही से लिख रहे जीवन बचाने की गाथा

-अंजान लोगों के लिए भी रक्तदान करके जीवन की डोर को मजबूत बना रहे बहादुरगढ़ के रक्तवीर फोटो-23, 24 व 25 जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ :

अस्पताल के बिस्तर पर जब कोई जिदगी रगों में कम होते रक्त के कारण हालातों के आगे बेबस होने लगती है, तभी उम्मीद की अंजानी किरण फूट पड़ती है। जीवन की जो डोर कमजोर पड़ने लगती है, उसी में नई ऊर्जा भरने पहुंच जाते हैं बहादुरगढ़ के रक्तवीर। आम दिन हो या फिर कोरोना संकट के बीच लॉकडाउन। इनके कदम कभी नहीं रुकते। महज एक फोन काल पर किसी भी अंजान का जीवन बचाने के लिए यहां के युवा दौड़ पड़ते है, तभी तो ये रक्तवीर कहलाते हैं।

दरअसल, दिल्ली से सटे बहादुरगढ़ में रक्तदान के जरिये नई जीवनगाथा लिखी जा रही है। आज जब इंसान ही इंसान से दूर हो रहा है, तब बहादुरगढ़ के युवा रक्तदान में न अपना देखते हैं, न पराया और न परचित, न अंजान। इसे नई जीवनगाथा नहीं तो और क्या कहा जाए। खास बात है कि इसमें जोश, जुनून के साथ ही तकनीक का भी संगम है। वैसे तो किस रक्तदाता को कहां पर ढूढ़ा जाए, लेकिन वाट्सएप ग्रुप में जब एक साथ 350 से ज्यादा रक्तदाता हों तो वहां पर यह तकनीक इंसानियत के तारों को जोड़ जीवन की डोर को मजबूत बना रही है। दो ग्रुप में हैं 362 सदस्य, 2017 से जुटे :

ग्रुप एडमिन रमन शर्मा ने बताया कि वाट्सएप पर रक्तदाता नाम से दो ग्रुप बना रखे हैं। नवंबर 2017 से इसकी शुरूआत हुई। एक ग्रुप में 161 और दूसरे में 201 सदस्य हैं। कुल मिलाकर 362 में से हर सदस्य रक्तदान कर चुका है। अब तक 600 यूनिट से ज्यादा रक्तदान किया है। साल 2020 में इस ग्रुप के युवाओं ने विभिन्न अस्पतालों में अप्रैल से लेकर दिसंबर तक कोरोना काल के बीच 150 यूनिट रक्तदान किया था। इस साल में लाकडाउन के बीच ही 50 यूनिट से अधिक रक्तदान कर चुके हैं। ये हैं बड़े रक्तवीर

1. अमित शर्मा : निजी कंपनी में काम करते हैं और अब तक 45 बार रक्तदान कर चुके हैं। 18 साल की उम्र से ही रक्तदान शुरू किया। इसके जरिये वे जरूरतमंदों का जीवन बचाने को जुनून बना चुके हैं।

2. अरुण पाहूजा : मार्केटिग एजेंसी चलाते हैं और अब तक 48 बार रक्तदान कर चुके हैं। वे कहते हैं कि निरंतर रक्तदान करेंगे और दूसरों को भी प्रेरित करेंगे।

3. विनोद शर्मा : खुद का व्यवसाय है और अब तक 43 बार रक्तदान कर चुके हैं। अब तक बहुत से ऐसे लोगों के लिए रक्तदान किया, जिनको नहीं जानते।

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