आंदोलन के कारण बदलना पड़ रहा रास्ता, सुनसान रास्तों से जाने पर हो चुकी लूट की दो घटनाएं, नहीं लगा सुराग

एक वारदात तो 10 दिन पहले ही हुई थी।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 21 Jun 2021 07:00 AM (IST) Updated:Mon, 21 Jun 2021 07:00 AM (IST)
आंदोलन के कारण बदलना पड़ रहा रास्ता, सुनसान रास्तों से जाने पर हो चुकी लूट की दो घटनाएं, नहीं लगा सुराग
आंदोलन के कारण बदलना पड़ रहा रास्ता, सुनसान रास्तों से जाने पर हो चुकी लूट की दो घटनाएं, नहीं लगा सुराग

एक वारदात तो 10 दिन पहले ही हुई थी। जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ :

टीकरी बार्डर से लेकर बहादुरगढ़ के पूरे बाईपास पर फैले आंदोलन के कारण अनेक वाहन चालकों को सुनसान रास्तों से आना-जाना पड़ता है। इसी जद्दोजहद में बहादुरगढ़ के अंदर लूट की दो बड़ी घटनाएं हो चुकी हैं। उनमें अभी तक सुराग भी नहीं लगा। एक वारदात तो 10 दिन पहले ही हुई थी। सोनीपत के जौली गांव निवासी सुनील शर्मा दिल्ली के कैर गांव में स्थित कलस्टर बस डिपो में मैनेजर हैं। वे अपनी कार से डयूटी पर जा रहे थे। आम दिनों में तो वे नजफगढ़ मार्ग से जाते थे। मगर आंदोलन के चलते रास्ता बदलना पड़ रहा है। वे 12 जून की रात को जब सिदीपुर लोवा गांव के रास्ते जा रहे थे, तब हथियारबंद तीन बदमाशों ने उनकी कार छीन ली थी। इससे पहले भी इसी तरह की एक घटना हो चुकी है, जब आंदोलन के कारण राहगीरों को रात के समय मुख्य मार्ग की बजाय सुनसान रास्ते से जाना पड़ा, तब उनके साथ लूट की वारदात हो गई थी। एक सप्ताह में हुई लूट की चार वारदातों में नहीं लगा सुराग :

क्षेत्र में लूटपाट की वारदात भी बढ़ती जा रही है। तीन वारदातों में लुटेरे बाइक पर आए थे। चौथी में कार में सवार थे। 12 जून को कलस्टर बस डिपो मैनेजर से लूट हुई थी। उसमें हवाई फायरिग भी हुई थी। वहीं 14 जून को लाइनपार एरिया में बाइक सवार बदमाशों ने अंधाधुंध फायरिग करके करियाना स्टोर से 30 हजार कैश लूट लिया था। विरोध करने पर दुकानदार को पिस्तौल के बट से घायल कर दिया था। इसमें कई खोल और कारतूस भी बरामद हुए थे। इसके बाद 16 जून को पटेल नगर में भी बाइक सवार दो बदमाशों ने पिस्तौल के बल पर दुकान से कैश लूट लिया था। इन तीनों वारदातों में अभी सुराग लगा ही नहीं था कि 18 जून की रात को ओमेक्स सिटी के पास कार सवार बदमाशों ने पिस्तौल के बल पर जोमैटो के डिलीवरी मैन से पर्स व मोबाइल छीन लिए थे। सभी वारदात अभी तक अनसुलझी है। पुलिस अधिकारियों का सभी वारदातें अनसुलझी हैं।

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